नई दिल्ली / कोरोना वायरस को मात देने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। आज से देशभर में टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हो रही है। इस चरण में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों का टीकाकरण किया जाएगा। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है। वे खुद सुबह-सुबह दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल पहुंचे और कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली, यह प्रशंसनीय है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए त्वरित समय में काम किया है। मैं उन सभी से अपील करता हूं, जो वैक्सीन लेने के योग्य हैं, साथ आएं, हम मिलकर भारत को कोरोना मुक्त बनाएंगे।’सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन की पहली खुराक ली है। दिल्ली स्थित एम्स में काम करने वाली पुडुचेरी की नर्स पी निवेदा ने प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी है। कोवैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन है, जिसे भारत में आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली हुई है।
दूसरे चरण में किन-किन लोगों को दी जाएगी वैक्सीन, क्या हैं नियम?
बता दें आज से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को आज से कोरोना वायरस रोधी टीका सरकारी केंद्रों पर निशुल्क लगाया जायेगा | वहीं, निजी क्लिनिकों एवं केंद्रों पर उन्हें इसके लिए शुल्क देना पड़ेगा | कुछ देशों में मिले वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी आगाह किया कि सख्त पाबंदी में किसी तरह की ढिलाई से हालात जटिल हो सकते हैं |
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केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में तय की वैक्सीन की कीमत
वैक्सीन के एक डोज के लिए 250 रुपये लिए जाएंगे
जिसमें 150 रुपये टीके और 100 सर्विस चार्ज होगा
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलेगा टीका
पीएम की अगुवाई वाली काबीना बैठक में फैसला लिया गया था कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वायरस रोधी टीका एक मार्च से लगाया जायेगा | इस श्रेणी में लोगों को 10 हजार सरकारी केंद्रों पर निशुल्क टीका लगाया जायेगा. मंत्री ने कहा कि 20 हजार निजी क्लिनिकों या केंद्रों पर टीका लगवाने वालों को शुल्क देना होगा | स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में 1.23 करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीके की खुराक दी गयी है
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स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की डोज लेकर प्रधानमंत्री ने एक साथ कई संदेश देने का काम किया है। इस वैक्सीन पर विपक्ष के कई नेता सवाल उठा चुके हैं। विपक्ष ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को सबसे पहले खुद वैक्सीन लगवानी चाहिए थी। उनका तर्क था कि कोवैक्सिन को फेज-3 के ट्रायल के बिना ही आपात मंजूरी प्रदान की गई है। अब प्रधानमंत्री ने इस वैक्सीन की डोज लेकर इसकी विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों को खत्म करने का काम किया है। इसके अलावा उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का नारा बुलंद किया है और लोगों से टीकाकरण कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है।