प्रधानमंत्री मोदी 10 दिसंबर को करेंगे  नए संसद भवन का भूमि पूजन,  971 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा भवन ,लोकसभा स्पीकर ने दी जानकारी

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नई दिल्ली /  देश को अब जल्द नया संसद भवन परिसल मिलने वाला है | लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को संसद की नई इमारत की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में संसद सत्र संभवत: नई इमारत में होगा। संसद की नई इमारत भूकंप रोधी होगी, निर्माण में 2000 लोग प्रत्यक्ष रूप से और 9000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होंगे | लोकसभा स्पीकर ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि नए संसद भवन का शिलान्यास समारोह 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे आयोजित किया जाएगा। समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा ‘भूमिपूजन’ के साथ होगी। लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी और नए भवन में राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। लोकसभा हॉल 1224 सदस्यों को एक साथ समायोजित करने में सक्षम होगा।’ 

ओम बिड़ला ने कहा कि मौजूदा संसद भवन आधुनिक तकनीकी से लैस नहीं है और संख्या के हिसाब से यह काफी छोटा भी है | उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से नए संसद भवन के निर्माण कार्य को स्वीकार किया गया है और इसमें काम करने वाले सभी शिल्पकार भारतीय होंगे |  उन्होने बताया कि नए संसद भवन के निर्माण में लगभग 971 करोड़ रुपये की लागत आएगी | 

बिरला ने कहा कि संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा। बिरला ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी को इस कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण दिया। नियमों के मुताबिक, लोकसभा का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है। नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के पास किया जाएगा और इसके निर्माण कार्य शुरू होने के 21 महीने में पूरा होने की उम्मीद है | सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक संयुक्त केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्निमाण की परिकल्पना की गई है |