रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना
रायगढ़। बुधवार सुबह रिपब्लिक भारत चैनल के संपादक अर्नब गोवस्वामी की गिरफ्तारी की प्रेस क्लब रायगढ़ ने निंदा की है। प्रेस क्लब का कहना है कि जिस तरीके से अर्नब की गिरफ्तारी की गई है वह गलत है। रायगढ़ प्रेस क्लब ने प्रेस विज्ञपत्ति जारी कर कहा कि स्वतंत्र मीडिया को देश के लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। इसकी स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास किया गया है। नियम और कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की गई होती तो इसका विरोध नहीं होता। एक पत्रकार यदि किसी सरकार या फिर पुलिस पर सवाल दागे तो क्या उसे जेल में डाल देंगे।
प्रेस क्लब के संरक्षक और जिले के वरिष्ठ पत्रकार अनिल रतेरिया ने कहा कि अनर्ब के ऊपर जिस ढंग कार्रवाई की गई उससे पत्रकारिता को पूरी तरह से खतरा है। हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। कानून के दरवाजे हैं जहां से न्याय सभी को मिलता है। एक राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार को द्वेषवश सुबह-सुबह घर से उसे घसीटते हुए गिरफ्तार करना और मारपीट करना महाराष्ट्र पुलिस को शोभा नहीं देती। ठाकरे परिवार का शुरू से ही चरित्र रहा है कि जो उनका विरोध करता है वहां वो बाहुबल का प्रयोग करते हैं फिर चाहे वो सत्ता में रहे या फिर नहीं। इस बार वो सत्ता में हैं तो पूरी ताकत से पत्रकार पर हमला बोला है।
रतेरिया आगे कहते हैं कि कुछ मीडिया घराने के चुप रहने से यह मामला शांत नहीं होगा। पूरे हिंदुस्तान गली-गली से विरोध की आवाज उठेगी और इसे कौन दबाएगा।
आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य ने अपनी पावर का इस्तेमाल किया : हेमंत थवाईत
प्रेस क्लब के अध्यक्ष हेमंत थवाईत ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि बुधवार सुबह अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर वह स्तब्ध हैं। उनके साथ महाराष्ट्र सरकार का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। मीडिया की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए न कि उसके खिलाफ राज्य अपनी पावर का इस्तेमाल करे। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वो इस बात को सुनिश्चित करें कि अर्नब गोस्वामी के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो और बदला लेने की नीयत से उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाए।अन्यथा रायगढ़ प्रेस क्लब इसको लेकर आंदोलित होगी जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।प्रेस क्लब के सचिव नवीन शर्मा ने कहा कि हम इस अर्नब पर हुए एक तरफा कार्रवाई का विरोध करते हैं। एक पत्रकार को नीचा दिखाने के लिए किये गए इस कुकृत्य से महाराष्ट्र पुलिस की छवि धूमिल हुई है।
सभी ने एक स्वर में जताया विरोध
प्रेस क्लब के संरक्षक उदयराम थवाईत, वासुदेव मोदी, रोशन लाल अग्रवाल, दिनेश मिश्रा, नवनीत जगतरामका और नरेश शर्मा ने भी इस कार्रवाई पर अपना विरोध जताया।
प्रेस क्लब के राजेश जैन, पुनीराम रजक, विनय पाण्डेय, रोहिताश्व बेहरा, सुनील नामदेव, संजय बोहिदार, विवेक श्रीवास्तव, संतोष बहिदार, आनंद शर्मा, चूढ़ामणि साहू, स्वतंत्र महंत, विश्वजीत सरकार, अनिल गर्ग, हरिशंकर गौराहा, नंदकुमार पटेल, गणेश अग्रवाल, राकेश स्वर्णकार, शमशाद अहमद, संदीप बेरिवाल, मोहसिन खान, अभिषेक उपाध्याय, अखिलेश पुरोहित, आलोक पाण्डेय, सुशील पाण्डेय, प्रेम मौर्या, अविनाश पाठक, प्रवीण त्रिपाठी, अमित पाण्डेय, भूपेंद्र सिंह चौहान, लोकेंद्र सिंह ठाकुर, सुशील मित्तल, गौतम अग्रवाल, राजा खान, मुरली बोहिदार, संतोष पुरुषवानी, चितरंजन सिंह, विपिन मिश्रा, विपिन राय, अमित गुप्ता, प्रशांत तिवारी आदि ने भी अर्नब गोस्वामी पर हुई कार्रवाई का विरोध किया।