रायपुर / छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के रायपुर स्थित निवास को तोडऩे की तैयारी विभाग कर रहा है। कटोरा तालाब स्थित सागौन बंगला समेत लोक निर्माण विभाग कार्यालय एवं कार्यपालन यंत्री के पुराने कार्यालय को तोडऩे का मास्टर प्लान पीडब्ल्यूडी ने तैयार किया है।कटोरा तालाब में स्थित इन परिसरों को तोड़कर कॉमर्शियल कांप्लेक्स बनाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने सरकार को प्रपोजल बनाकर भेजा है। प्रपोजल को सरकार की हरी झंडी मिलते ही शासकीय कार्यालयों को अन्य स्थानों में शिफ्ट किया जाएगा और तोडफ़ोड़ शुरू कर दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो पुराने स्टॉफ क्वाटर और परिसर में रहने वाले चर्तुथ श्रेणी के पूर्व कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को जगह खाली करने के लिए नोटिस दिया जा चुका है।
आमदनी बढ़ाने की कोशिश
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल में शासकीय जमीन का उपयोग करके आमदनी बढ़ाए जाने का विकल्प खोज रही है। कटोरा तालाब और सिविल लाइन के बीच की बेशकीमती छह एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर जल्द ही कामर्शियल और रेसिडेंशियल काम्प्लेक्स बनाने का काम शुरू होगा।
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इसी जमीन पर सागौन बंगला स्थित है। इस बंगले में स्व. जोगी का परिवार वर्तमान में निवास कर रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जीवित रहते तक सरकारी अमले ने सागौन बंगले को इस मास्टर प्लान से अलग रखा था। केवल बंगले से लगे पीडब्ल्यूडी के संभागीय कार्यपालन यंत्री दफ्तर और पुराने क्वार्टर को तोड़ने की योजना बनी थी। जोगी के निधन के बाद सागौन बंगले को भी इस योजना में शामिल किया गया। हालांकि इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अफसर अधिकृत तौर पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यह सरकार का फैसला है।
बंगले से जोगी परिवार की जुड़ी है यादें
सागौन बंगले में अजीत जोगी सत्ता परिवर्तन के बाद वर्ष 2003 में आए थे। जोगी परिवार की भावनाएं और यादें इस बंगले से जुड़ी हुई हैं। इसी बंगले में रहते हुए स्व. अजीत जोगी ने नई पार्टी खड़ी की। इस बंगले में जोगी ने अंतिम सांस ली। अब देखना यह है, कि विभागीय अधिकारियों और सरकार के निर्णय पर जोगी परिवार की क्या प्रतिक्रिया होगी। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने पायल्ट प्रोजेक्ट के तहत कार्यालय व बंगला तोड़कर कॉमर्शियल परिसर बनाए जाने की पुष्टि की है।
