सरकार की ओर से किसानों के फायदे के लिए कई स्कीम चलाई जा रही है. इनमें से एक योजना है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan). यह केंद्र सरकार की योजना है जिसमें किसानों को फायदा पहुंचाया जाता है. यह भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है. इस योजना के तहत किसानों के खाते में सरकार की ओर से रुपये भेजे जाते हैं. वहीं पीएम किसान योजना में अगर नया रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं इस अपडेट का ध्यान रखना होगा.
देने पड़ते हैं दस्तावेज
कई किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फायदा पहले से ही उठा रहे हैं. हालांकि कुछ ऐसे किसान भी हैं जिन्होंने अभी तक इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. हालांकि अब कई बाकी किसान इस योजना के तहत लाभ हासिल करना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे. इनमें एक दस्तावेज काफी जरूरी है, अगर वो दस्तावेज किसान के पास मौजूद नहीं है तो रजिस्ट्रेशन में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
इस दस्तावेज की है जरूरत
वो दस्तावेज है राशन कार्ड (Ration Card). बिना राशन कार्ड के पीएम किसान योजना के तहत नया रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया जा सकता है. ऐसे में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हर साल 6000 रुपये का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास राशन कार्ड होना जरूरी हो जाता है. दरअसल, पीएम किसान योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया है.
कहां करवाएं रजिस्ट्रेशन?
कई ऐसे किसान भी हैं जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में रजिस्ट्रेशन तो करवाना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि इस स्कीम में कैसे रजिस्ट्रेशन करवाएं. बता दें कि ये स्कीम सिर्फ किसानों के लिए है और इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए किसान को राज्य सरकार द्वारा नामित स्थानीय कृषि सहायक/राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी (पीएम-किसान) से संपर्क करना आवश्यक है. वहीं किसान पोर्टल में किसान कॉर्नर के माध्यम से भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
क्या है पीएम किसान योजना?
इस योजना के तहत देश भर के सभी किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है. इसके साथ ही ये 2000 रुपये साल में तीन समान किस्तों में दिए जाते हैं. वहीं पूरे साल में सरकार की ओर से 6000 हजार रुपये की सहातया राशि दी जाती है. फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है. वहीं लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की होती है.