Pooja Khedkar: पूर्व ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसके बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पूजा खेडकर ने कई ऐसे फर्जीवाड़े किये है, जिससे बात यहां तक पहुंच गई. पूजा खेडकर ने आईएएस बनने के लिए क्या क्या किया? इसको जानकर हर कोई हैरान है. एक खुलासा तो यह भी हुआ है कि पूजा खेडकर ने आईएएस का पद पाने के लिए 2012 से 2023 तक सात बार अपने नाम बदले. यही नहीं इस दरम्यान उन्होंने अपने माता पिता के नामों में भी हेरफेर की.
पूजा खेडकर का विवाद सामने आने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इस मामले की जांच कराई थी. इस जांच रिपोर्ट में यूपीएससी की ओर से बताया गया था कि पूजा खेडकर ने न केवल अपने नाम में बदलाव किया, बल्कि अपने माता-पिता के नाम भी बदले. उन्होंने अपनी फोटो, सिग्नेचर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर से लेकर अपना एड्रेस बदलकर यूपीएससी परीक्षा दी. पूजा खेडकर ने वर्ष 2022 की यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की और 2023 बैच की आईएएस बनी थीं.
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पूजा खेडकर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्य अधिकतम सीमा से अधिक बार यूपीएससी की परीक्षा दी. बताया जाता है कि पूजा खेडकर ने 12 बार यूपीएससी परीक्षा दी थी. यूपीएससी के नियमों के अनुसार जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को 32 साल की उम्र से पहले तक कुल 6 मौके दिए जाते हैं, वहीं ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 35 साल की आयु तक 9 बार यूपीएससी सिविल सविर्सेज की परीक्षा देने का मौका मिलता है.
एसटी/एससी वाले उम्मीदवार 37 साल की उम्र तक परीक्षा दे सकते हैं, लेकिन पूजा खेडकर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तय सीमा से अधिक बार परीक्षा दी और हर बार नए नाम और नए पहचान का सहारा लिया. इसी रिपोर्ट के आधार पर यूपीएससी ने पूजा खेडकर की यूपीएससी 2022 की उम्मीदवारी तक रद्द कर दी थी. मतलब उनके चयन को अवैध करार दिया था और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. अब अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद बात गिरफ्तारी तक पहुंच गई है.