मुंबई वेब डेस्क / महाराष्ट्र में लॉक डाउन के कारण 200 घोड़ों और 125 घुड़सवारों का समय काटे नहीं कट रहा है | घुड़सवार तो लॉक डाउन को समझ रहे है, लेकिन घोड़े अस्तबल से बाहर निकल कर रेस कोर्स में दौड़ना चाहते है | हालाँकि उन्हें इसकी इजाज़त नहीं है | इन दिनों महाराष्ट्र के महालक्ष्मी रेस कोर्स में एमेच्योर राइडर्स क्लब ARC में पोलो सीजन के सभी कॉम्पिटिशन रद्द कर दिए गए है | अर्जेंटीना और यूनाइटेड किंगडम के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और अंपायर्स को समय रहते उनके देशों में वापस भेज दिया गया था। लेकिन जयपुर से आए 200 घोड़े और 125 घुड़सवार लॉक डाउन के कारण अब तक रेसकोर्स में फंसे हुए हैं। दरअसल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए किए गए लॉक डाउन के चलते ये यहां अब तक डेरा डाले हुए है | महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है |
एआरसी ने 22 दिनों तक घोड़ों और घुड़सवारों की देखभाल करने की व्यवस्था की थी, लेकिन लॉक डाउन के बढ़ने के बाद इनकी चिंता बढ़ गई है | क्लब ने घोड़ों के लिए अस्थायी अस्तबल का निर्माण किया है और घुड़सवारों को सभी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं। घोड़ों के स्वास्थ्य और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए एआरसी की तरफ से परिसर में कॉल ऑन सर्विस और एक कंपाउंडर की सुविधा सुनिश्चित की गई है। हालांकि, इस दौरान कोई भी घुड़सवार राइडिंग नहीं कर सकता है। इसके अलावा सभी सदस्य के लिए क्लब बंद कर दिया गया है |
इस मामले पर एआरसी के अध्यक्ष श्याम मेहता ने कहा, “घोड़ों और घुड़सवारों की देखभाल के लिए हमारे पास मौजूद हर संसाधन समर्पित है। मौजूदा हालात को देखते हुए, हम जरूरी सुरक्षा मानकों को बनाए हुए हैं। इसके साथ ही अस्थायी और स्थायी अस्तबलों के भीतर और आसपास उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित कर रहे हैं।”मेहता ने आगे कहा, “शुरुआत में, घोड़ों के लिए चारा और घास को सुरक्षित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन प्रबंध समिति ने समय पर इसकी व्यवस्था की है।”
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1942 में स्थापित ARC अर्थात एमेच्योर राइडर्स क्लब भारत का सबसे पुराना सिविलियन घुड़सवारी क्लब है। एआरसी पोलो मैदान और एक फ्लड लाइट राइडिंग एरीना का मालिक है। यह महाराज प्रेम सिंह ट्रॉफी और आदित्य बिड़ला मेमोरियल कप जैसे टूर्नामेंट आयोजित करता है। यह वार्षिक मुंबई हॉर्स शो की भी मेजबानी करता है, जिसमें हॉर्स पोलो, शो-जंपिंग और ड्रेसेज जैसे इवेंट्स होते हैं। फ़िलहाल क्लब को 200 घोड़ों और 125 घुड़सवारों की तीमारदारी में खूब पसीना बहाना पड़ रहा है |