भोपाल वेब डेस्क / मध्यप्रदेश में दो दिनों से जारी सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है | मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के प्रयासों के बावजूद राज्य की कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है | अभी तक माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के साथ मिलकर डैमेज कंट्रोल कर लिया है, लेकिन शुक्रवार दोपहर बाद फिर से राज्य का सियासी पारा गर्म हो गया | दरअसल खबर आ रही है कि लगभग आधा दर्जन कांग्रेसी विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराजगी के चलते इस्तीफा देने की तैयारी में है |
हालांकि पिछले तीन दिनों से लापता कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। फ़िलहाल , उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि आज और कल कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। सीएम कमलनाथ ने कहा, यहां जो नेता हैं, वो बिकाऊ नहीं हैं। ये सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की भी ऐसी पहचान बनानी हैं कि हमें गर्व हो, ऐसी पहचान बनाए कि हम छाती ठोक के कह सके कि हम मध्यप्रदेश से हैं।
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा- कमलनाथ जी की सरकार को संकट तब तक नहीं होगा जब सरकार हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की उपेक्षा या अनादर नहीं करेगी। तब निश्चित तौर से सरकार पर जो काला बादल छाएगा और वो क्या करके जाएगा, मैं कह नहीं सकता। उधर निर्दलीय विधायक और खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे कांग्रेस के साथ है | उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बारे में भ्रम फैलाया था , लेकिन वे संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री के साथ है |
इधर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक ने कांग्रेस में शामिल होने की अफवाहों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा का हिस्सा था, मैं भाजपा का हिस्सा हूं और हमेशा भाजपा में रहूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात नहीं की है। कल रात मुझे अगवा करने की कोशिश की गई। इस राजनीतिक खेल में मुझे उम्मीद है कि मेरा अपहरण या हत्या नहीं होगा। मुझ पर बहुत दबाव डाला जा रहा है। मैं हमेशा भाजपा में रहूंगा।
उधर खबर आ रही है कि राज्य में जारी सियासी संकट से उबरने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला अपना सकते हैं। वह अपने मंत्रिमंडल में कई नाराज विधायकों को मंत्री पद दे सकते हैं। इसके अलावा निगम मंडलों में कांग्रेसी और सहयोगी दलों के विधायकों को भी शामिल कर सकते है | यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा पर पलटवार के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी विधायकों को भी तोड़ने की तैयारी की है। सरकार को संकट से निकालने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलामनबी आजाद और कपिल सिब्बल भी कमलनाथ की मदद कर रहे हैं। दिल्ली में दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य के बजट सत्र के बाद कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।