पुलिस ने ‘हनी ट्रैप’ सिंडिकेट का किया खुलासा, जानिए कैसे रईसजादों को बनाते थे निशाना

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Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की बाहरी जिले की स्पेशल स्टाफ ने (Special Staff Police) ने एक ऐसे हनी ट्रैप सिंडिकेट (Honey Trap Syndicate) का खुलासा किया है. सिंडिकेट की महिला मेंबर द्वारा अमीर लोगों से फेसबुक (Facebook) पर दोस्ती और लुभावनी बातें करवा कर उन्हें किराए के फ्लैट पर बुलाते थे. जहां पर फिर नकली पुलिसकर्मी बनकर वहां छापेमारी कर लोगों से मोटी रकम ऐंठ लेते थे. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को इस मामले में एक आरोपी की तलाश है जिसको पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. पुलिसा का दावा है कि जल्द ही फरार आरोपी को पकड़ लिया जाएगा.

डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की पहचान, पवन उर्फ़ घनश्याम, मंजीत उर्फ मनदीप और दीपक उर्फ नवीन के रूप में हुई है. ये सभी हरियाणा के झज्जर और रोहतक के रहने वाले हैं. इनके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई सब-इंस्पेक्टर की वर्दी भी बरामद की गई है. डीसीपी ने बताया कि, 1 मई को पश्चिम विहार ईस्ट थाने में गाजियाबाद के शिकायतकर्ता अनिल कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में उन्होंने बताया कि “हनी ट्रैप” गिरोह के सदस्यों ने उनसे डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए हैं. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर अजमेर के नेतृत्व में एसआई प्रीतम, एएसआई राकेश, हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण और अन्य की टीम का गठन कर सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ और इस मामले के आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था.

पुलिस को ऐसे मिला सुराग

पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर ऐसे वारदातों में शामिल रहे अपराधियों की पहचान करने की कोशिश में लग गयी. इस दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता से भी घटना की विस्तृत जानकारी ली. जिसमे उन्होंने बताया कि आरोपियों ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर उन्हें डराया, जिससे डर कर उन्होंने डेढ़ लाख रुपए आरोपियों को दे दिया. पुलिस ने शिकायतकर्ता से मिली जानकारी के आधार पर उनके द्वारा बताए गए फ्लैट पर छापेमारी की. लेकिन आरोपी वहां से फरार हो चुके थे. फ्लैट के मालिक से पूछताछ में एक संदिग्ध पवन नाम के शख्स का पता चला, जिसके नाम पर रेंट एग्रीमेंट बनाया गया था. रेंट एग्रीमेंट से मिली फोटो को जब शिकायतकर्ता को दिखाया गया तो उसने उसकी पहचान करते हुए बताया पवन ने ही उस दिन पुलिस अधिकारी बन कर अपने दो सहयोगियों के साथ फ्लैट पर छापा मारा था. फ्लैट के मालिक से दोबारा पूछताछ करने पर पुलिस को पता की पवन पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि वह किसी निजी कंपनी में काम करता था. फ्लैट ओनर ने बताया पवन अपने दो दोस्तों के साथ यहां रहता था और कभी-कभी उसके साथ एक महिला भी आती थी. आरोपी की पहचान होने पर पुलिस उनके बारे में जानकारियों को इकट्ठा करने में लग गई.

गिरफ्तारी के बाद बदमाशों ने उगले राज

जिससे पुलिस को तीनों आरोपियों के अपने सामान को वापस लेने के लिए फ्लैट में आने का पता चला. जिसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस टीम ने पश्चिम विहार स्थित ज्वाला हेरी मार्केट के पास से तीनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ और जांच में आरोपी पवन के सिंडिकेट के किंग-पिन होने का पता चला. पवन ने बताया कि बहादुरगढ़ में उसकी मुलाकात हनी ट्रैप के मास्टर नीरज से हुई थी. उसी से उसने हनी ट्रैप के तरीकों को सीखा था. पवन फेसबुक पर हनीप्रीत नाम की लड़की से संपर्क में आया और इसने उसके साथ मिलकर अमीर लोगों को हनी ट्रैप कर पैसे ऐठने की योजना बनाई. जिसके लिए उन्होंने पश्चिम विहार में एक फ्लैट किराए पर लिया. हनीप्रीत ने सोशल मीडिया पर ऋतु बंसल नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और शिकायतकर्ता से वीडियो चैट के जरिए बात की और फिर उसे मिलने के लिए फ्लैट पर बुलाया.

जहां तय योजना के अनुसार, शिकायतकर्ता के पहुंचने के कुछ देर बाद तीनों आरोपियों ने नकली पुलिसकर्मी बनकर फ्लैट पर छापा मारा. आरोपियों में शामिल मनजीत सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनता था, जबकि बाकी दो उसके सबोर्डिनेट बनते थे. इस फर्जी छापेमारी के दौरान आरोपी हनीप्रीत पीड़ित लोगों से पुलिस वाले को पैसे देने हैं और उन से पीछा छुड़ाने की गुजारिश करती थी. इस मामले में पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी मनजीत की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल की गयी सब इंस्पेक्टर की वर्दी को भी बरामद कर लिया. आरोपी हनीप्रीत की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इस मामले में पुलिस आगे की जांच में जुट गयी है, साथ ही लगातार महिला आरोपी हनीप्रीत की तलाश में भी लगी हुई है.