WFI चीफ बृजभूषण का पुलिस ने दर्ज किया बयान, कुछ दस्तावेज भी मांगे, 20 दिन से जंतर मंतर पर डटे हैं पहलवान

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Wrestler Protest: दिल्ली के जंतर मंतर पर बीते 20 दिनों से नामी पहलवान WFI चीफ बृजभूषण के प्रदर्शन कर रहे हैं. अब महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली पुलिस के सामने पेश हुए. दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण का बयान दर्ज किया है. इसके साथ ही उनसे कुछ दस्तावेज भी मांगे हैं. दोबारा जरूरत होने पर फिर से बयान दर्ज होंगे. सूत्रों के मुताबिक बृजभूषण शरण सिंह ने पुलिस के सामने दिए बयान में अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा है.

एसआईटी के सामने दर्ज कराया बयान
बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली पुलिस की एसआईटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है. दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवान के आरोपों की जांच के लिए महिला डीसीपी की निगरानी में 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. सूत्रों के मुताबिक बृजभूषण का दो बार बयान दर्ज हुआ है. बृज भूषण शरण के अपनी सफाई में कुछ वीडियो सबूत और मोबाइल डाटा जमा करने की बात कही गई है. बहुत जल्द एसआईटी दोबारा बृजभूषण से पूछताछ कर सकती है.

कई राज्यों से जुटाए गए सबूत
दिल्ली पुलिस की टीम पहलवानों की शिकायत पर उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, हरियाणा में सबूत जुटाने के लिए गई थी. देश के बाहर विदेशों में जो आरोप लगे हैं, दिल्ली पुलिस वहां भी संबंधित एजेंसीज के संपर्क में है. बृजभूषण शरण सिंह के अलावा भारतीय कुश्ती महासंघ के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर के भी बयान दर्ज किए गए. महिला की शिकायत पर दर्ज दिल्ली पुलिस की एफआईआर में विनोद तोमर भी आरोपी हैं.

बृजभूषण पर क्या हैं आरोप ?
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इन पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. पीड़ितों में एक नाबालिग भी है, जिसके मामले में सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत केस दर्ज हुआ है. बृजभूषण शरण के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था.

वहीं, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना जारी है. विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत देश के नामी पहलवान बीती 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हुए हैं. पहलवानों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता वे नहीं उठेंगे.