चिलचिलाती धूप में प्रवासी श्रमिकों की सहारा बनी पुलिस , चप्पल-गमछा देकर की मदद 

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रिपोर्टर – रघुनंदन पंडा 

दुर्ग / कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन खासकर प्रवासी श्रमिकों के लिए कहर बन गया है। गरीबी, बेबसी और गृहग्राम पहुंचने के लिए मजदूरों ने हर संभव प्रयास किया है। लॉक डाउन निरंतर बढ़ने और कोरोना संक्रमण से भयभीत प्रवासी श्रमिक जैसे-तैसे करके अपने परिजनों के बीच पहुंचना चाहते हैं। उद्योग धंधे बंद होने की वजह से दो वक्त के खाने का भी इंतजाम नहीं हो रहा। रेल, बस सहित यातायात के सभी साधन बंद हो जाने से इनके समक्ष उत्पन्न भुखमरी की स्थिति ने विकराल रूप ले लिया है। इससे निजात पाने के लिए श्रमिक पैदल ही सैकड़ों और हजारों किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं।मासूम बच्चे और महिलाओं को नंगे पांव धूप में चलते देखकर दुर्ग पुलिस का दिल पसीजा और अपने स्तर पर व्यवस्था करके चप्पल और गमछा श्रमिकों को देकर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अनुकरणीय कदम उठाया।

दुर्ग जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव के नेतृत्व में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित कुमार झा एवं नगर पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला  के द्वारा लगातार कोरोना वायरस महामारी के कारण मजदूरों का अपने गृह राज्य एवं जिले की ओर आवागमन को सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। दुर्ग पुलिस को मजदूरों के लगातार हो रहे  आवागमन को देखकर यह महसूस हुआ कि बहुत से मजदूरों के पास चप्पल एवं  सर को ढकने के लिए  गमछे जैसी चीज का अभाव है,  ऐसे में मजदूरों की यात्रा को और सुगम बनाने के लिए गमछा और चप्पल वितरण करने का विचार आया। इसके तहत अंजोरा बायपास में मजदूरों को तपती धूप से बचाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा सराफा कारोबारियों के सहयोग से मजदूरों को गमछा एवम चप्पल प्रदान किया गया। ताकि मजदूर इस चिलचिलाती धूप से अपने सिर एवं पैरों का बचाव कर सकें।