PNB के डीजीएम सुनील अग्रवाल को मिली “ट्रांजिट बेल” ।

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छत्तीसगढ़ पुलिस के अरमानों पर फिरा पानी ।

दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस के अरमानों पर पानी फेर दिया है । PNB के डीजीएम सुनील अग्रवाल और रायपुर पुलिस के अफसरों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सुनील अग्रवाल को फौरी राहत देते हुए “ट्रांजिट बेल” स्वीकृत की । इसके बाद उन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार अब अपनी म्यान में चली गई है । अदालत के निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस को फौरन उन्हें रिहा करना पड़ा । डीजीएम सुनील अग्रवाल अब स्वतंत्र होकर संभवतः सोमवार को रायपुर में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराएंगे । गौरतलब है कि सुनील अग्रवाल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस के अफसरों ने अदालत में कोई ठोस दलीले पेश नही की । जबकि बचाव पक्ष ने पुलिस पर कई आरोप लगाए । उसने गिरफ्तारी की प्रक्रिया को लेकर भी सवालियां निशान लगाया था । दोनो पक्षो की दलीले सुनने के बाद अदालत ने सुनील अग्रवाल को फौरी राहत दे दी ।

फिलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस का दल अब खाली हाथ दिल्ली से रायपुर लौट रहा है । डीकेएस घोटाले में PNB के तत्कालीन AGM सुनील अग्रवाल के बयान औऱ उनकी गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी । लेकिन अदालत के रुख ने छत्तीसगढ़ सरकार को तगड़ा झटका दिया है ।

डीकेएस घोटाले के मुख्य आरोपी डॉ पुनीत गुप्ता के भाग्य में ” जेल या बेल ” का निर्धारण काफी हद तक सुनील अग्रवाल के बयानों ओर दस्तावेजो के प्रमाणीकरण पर निर्भर होगा । छत्तीसगढ़ पुलिस के कब्जे से उनका विधिवत बाहर निकलना पुलिस की बड़ी नाकामयाबी के रूप में देखा जा रहा है ।