PMGSY में एक बार फिर छत्तीसगढ़ का दबदबा, देश में नंबर 1 – ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के चलते दूसरी बार देश में लहराया परचम |

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भारत सरकार  ने दूसरी बार छत्तीसगढ़ सरकार की पीठ थपथपाई है | मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गुणवत्ता को लेकर जुड़ा है |  राज्य भर में मजबूत और गुणवत्ता वाली सड़के बनाने को लेकर भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को पहला स्थान दिया है | इसके पूर्व भी PMGSY ने बेहतर कार्य को लेकर छत्तीसगढ़ देश में अवल्ल नंबर पर था | एक के बाद एक दूसरी उपलब्धि हासिल होने के बाद छत्तीसगढ़ गैर बीजेपी या NDA शासन वाला पहला राज्य है, जो केंद्र सरकार की नजरो में खरा उतरा है | PMGSY के सीईओ आलोक कटियार ने इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता को दिया है | उन्होंने कहा कि PMGSY की गुणवत्ता को परखने के लिए उनका अमला गांव गांव और जंगलो के भीतर दाखिल हुआ था | इसके चलते जनता का विश्वास सरकार पर बढ़ा और स्थानीय ग्रामीणों को गुणवत्ता पूर्ण सड़के उपलब्ध हुई | उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा अनुरूप जंगलो और पहुंचविहीन गांव से लेकर मुख्यालयों तक सड़को का जाल बिछाया जाएगा | 


    प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गुणवक्ता को लेकर छत्तीसगढ़ ने पहला स्थान हासिल किया है | वर्ष 2019 में राष्ट्रिय स्तर के गुणवक्ता समीक्षकों ने कुल 204 सड़को के निरीक्षण में 95.59 फीसदी कार्य संतोषजनक पाया | इस आधार पर निरीक्षकों ने छत्तीसगढ़ को पहला स्थान दिया है , जबकि  कर्नाटक दूसरे स्थान पर है | राज्य की इस उपलब्धि पर सीएम भूपेश बघेल और पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने पुरे अमले को बधाई दी है | 


           प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस 1 के अंतर्गत आने वाले ५०० सामान्य क्षेत्रो, २५० आदिवासी क्षेत्रो  एवं 7 नक्सल प्रभावित जिलों को एक दूसरे से जोड़ने की योजना को तय समय सिमा के भीतर ही पूर्ण किया गया | प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रारंभ से 01 अगस्त 2019 तक 8013 सके जिनकी कुल लम्बाई 36961 किलोमीटर एवं 352 पुल हेतु 12742 करोड़ का अनुमानित खर्च हुआ है | उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गुणवक्ता का विशेष रूपी से ध्यान रखा गया है | सड़को के  निर्माण के बाद तीन चरणों में गुणवत्ता  पारखी जाती है | पहले चरण में विभागीय अभियंता द्वारा जांच की जाती है ,दूसरे चरण में राज्य के गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा प्रत्येक सड़को की तीन या उससे अधिक बार जांच की जाती है | अंत में राष्ट्रिय स्टार पर ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रिय गुणवक्ता निरीक्षकों द्वारा इन सड़को के निर्माण एवं रखरखाव की जांच की जाती है | 

         योजना के सीईओ आलोक कटियार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों ने जून 2019 तक छत्तीसगढ़ में सात किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से कुल 2414 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण सफलतापूर्वक कर लिया गया है | पिछले पंद्रह सालो में किसी भी एक छमाही इतनी लंबी सड़को का निर्माण प्रदेश में पहले कभी नहीं हुआ | छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाक़ो  में सड़को का निर्माण समय रहते पूरा कर लेना एक बड़ी उपलब्धि है | कटियार ने बताया कि योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है | जिसके बाद ही दूसरे चरण के काम को शुरू किया गया है | ग़ौरतलब हो कि 2017-18 के सर्वे में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान हासिल हुआ था | 

       प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़को एवं पुल पुलियों के निर्माण आवागमन की सुविधा एवं पहुंचविहीन ग्रामो में पहुंची है | इससे प्रदेश के गाँवो का विकास साफ़ तौर पर झलकता है | ग़ौरतलब है कि PMGSY में गुणवत्ता को परखने के लिए विभागीय अमले ने जो परंपरा कायम की है, उससे भ्रष्टाचार पर ना केवल प्रभावी रोक लगी है बल्कि गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के लिए ठेकेदारों को विवश होना पड़ा है | पिछले दस सालो में PMGSY के तहत बनी सड़को की गुणवत्ता को लेकर तत्कालीन सरकार पर सवालिया निशान लगते रहे है | कई बार तो सड़को का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय दल  को भी स्थानीय ग्रामीणों ने आड़े हाथो लिया था | पीड़ितों की आम शिकायते थी कि PMGSY की सड़के घाटियां निर्माण कार्य के चलते पहली बारिश में ही दम तोड़ देती थी | यही नहीं कई इलाको में तो आधी अधूरी सड़के ग्रामीणों को मुँह चिढ़ाती थी | लेकिन पिछले आठ माह में ऐसी शिकायतों ने एका एक कमी आयी है | दरअसल PMGSY का अमला सड़को के निर्माण के उपरांत उसकी गुणवत्ता परखने के लिए अपने पूरे लाव लश्कर के साथ मौके पर डेरा डाल देता है | जांच रिपोर्ट “तत्काल” तैयार होने और संतोषजनक कार्य नहीं पाए जाने पर ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश मौके पर ही जारी हो जाते है | इस परिपार्टी से “घटिया निर्माण कार्य” करने वाले ठेकेदारों पर लगाम लगी है | यह भी बताया जाता है कि PMGSY अमले ने ग्रामीणों की शिकायतों को तुरंत दूर करने के लिए एक “व्हाट्सअप” ग्रुप बनाया है | इस ग्रुप में शिकायत आते ही उसके समाधान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है | इस व्हाट्सअप ग्रुप की निगरानी सीईओ आलोक कटियार खुद करते है | जरुरत पड़ने पर वो मौके में पहुंचने में भी देरी नहीं करते | इसके चलते शिकायतों के निपटारे में सक्रियता आयी है | बहरहाल PMGSY के कार्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देशन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है | इस उपलब्धि से पूरा अमला गदगद है | कर्मचारियों और अधिकारीयों ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा है कि बेहतर कार्यों के लिए प्रशंसनीय कार्यो से उनकी कार्यकुशलता और बढ़ेगी |