
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद जापान के दौरे पर पहुंचे हैं। टोक्यो में आयोजित भारत-जापान संयुक्त आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “दुनिया आज केवल भारत को देख ही नहीं रही, बल्कि भारत पर भरोसा भी जता रही है।”
पीएम मोदी ने बताया कि जापान भारत की विकास यात्रा का अहम साझेदार रहा है। अब तक जापानी कंपनियां भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुकी हैं। उन्होंने भारत को स्थिर और भरोसेमंद निवेश गंतव्य बताते हुए कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
मोदी ने नए सहयोग क्षेत्रों की ओर इशारा करते हुए कहा कि रक्षा और अंतरिक्ष के बाद अब भारत परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल रहा है। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर तकनीक जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत-जापान साझेदारी को नए आयाम दिए जाएंगे।
भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने जानकारी दी कि इस दौरे में क्वाड जैसे बहुपक्षीय ढांचे पर भी बातचीत होगी। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार तनाव के बीच भारत और जापान अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर जोर देंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आज राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक मजबूती और नीतियों में पारदर्शिता है। इसी वजह से यहां निवेश की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपने दौरे के दौरान मोदी जापानी उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे और बुलेट ट्रेन परियोजना सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह एक बौद्ध मंदिर का भी दौरा करेंगे।