
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (29 अगस्त) को जापान में दिए गए इंटरव्यू में कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक सैद्धांतिक और मानवीय रुख अपनाया है, जिसकी दोनों राष्ट्राध्यक्षों, व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की, ने सराहना की है।
संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांति
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं के साथ इस मुद्दे पर संवाद किया और भारत के निरंतर रुख को दोहराया। उन्होंने बताया कि संवाद और कूटनीति के जरिए संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान लाना भारत की प्राथमिकता है।
अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत को रूसी तेल खरीदने के लिए अमेरिका की ओर से 50 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर रूस के साथ व्यापार को “युद्ध का वित्तपोषण” करने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जापान और चीन की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी 29-30 अगस्त तक जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। जापान दौरे के बाद, वह चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मोदी ने कहा कि भारत एससीओ का सक्रिय सदस्य है और स्वास्थ्य, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा।