PM Modi Road Show in Bengaluru: कर्नाटक हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बेंगलुरू में पीएम मोदी का रोड शो शुरू हो चुका है. 26 किमी लंबे इस रोड शो के लिए बीजेपी समर्थकों में काफी उत्साह है. एक दिन पहले शुक्रवार (5 मई) को हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने मौखिक रूप से स्पष्ट किया कि कोई अप्रिय घटना होने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे, चाहे वे किसी भी दल के हों. हालांकि, यह टिप्पणी आदेश का हिस्सा नहीं थी.
कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “आदर्श रूप से कहें तो, हम उठाए गए विषय में राजनीतिक दल की अनुपस्थिति में मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर देते. हालांकि, हमने उस स्थिति को नहीं चुना है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने निर्धारित कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का दावा छोड़ दिया है. उपरोक्त परिस्थितियों में, इस याचिका को यहीं विराम (खत्म) दिया जाता है.”
पीठ ने की अहम टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत में चुनाव त्योहार की तरह होते हैं और 1952 के पहले आम चुनाव से ही रैलियां होती रही हैं. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि राजनीतिक रैलियों में जनता के लिए चुनाव प्रक्रिया को समझने और सूचना के प्रसार की भूमिका होती है. पीठ ने इस बात पर फोकस किया कि लिली थॉमस बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी आवश्यकता को स्वीकार किया था.
पीआईएल पर हुई सुनवाई
हाई कोर्ट में वकील अमृतेश एनपी और विश्वनाथ सारबद के माध्यम से दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हो रही थी. इस याचिका में राजनीतिक दलों के प्रचार अभियान को लेकर दायर की याचिका में पीएम मोदी के रोड शो पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि बेंगलुरु में रोड शो करने वाले नेता अपना चुनाव अभियान 1 या 2 घंटे से बढ़ाकर 4 या 5 घंटे कर रहे हैं, जिससे जनता को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.