
पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो के महासचिव मार्क रूटे ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का असर सीधे रूस पर भी पड़ रहा है। रूटे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और उनसे यूक्रेन युद्ध की रणनीति पर स्पष्टीकरण मांगा।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान सीएनएन से बात करते हुए रूटे ने कहा, “भारत पर ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का रूस पर बड़ा असर पड़ रहा है। भारत पुतिन से बात कर रहा है और टैरिफ की मार झेल रहा है।”
टैरिफ का उद्देश्य
अमेरिका ने पिछले महीने भारत पर 25 प्रतिशत ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ और रूसी तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत पेनल्टी लगाई थी। इसका उद्देश्य भारत को रूस से ऊर्जा खरीदने से रोकना बताया गया है, ताकि अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में रूस को मदद न मिले। ट्रंप ने नाटो देशों से भी चीन पर टैरिफ लगाने और रूस से तेल की खरीद कम करने का आह्वान किया।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इन टैरिफ की कड़ी आलोचना की और इसे अनुचित बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की रूसी तेल खरीद उसकी 1.4 अरब आबादी के लिए सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत की जरूरत केवल ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है।
व्यापार वार्ता
इस बीच न्यूयॉर्क में भारत और अमेरिका के बीच वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में व्यापार वार्ता हुई। दोनों देशों ने टैरिफ और अन्य व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत जारी रखी। ट्रंप ने मोदी को अपना ‘बहुत अच्छा दोस्त’ बताया, जबकि मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने के लिए बातचीत सकारात्मक परिणाम देगी।