कोरोना से पीएम मोदी मंत्रिमंडल को भी नुकसान, कई मंत्रियों के ‘राम प्यारे’ होने के बाद खत्म हुआ सहयोगियों का प्रतिनिधित्व, अब मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, आधा दर्जन नए मंत्रियों की तलाश

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नई दिल्ली / कोरोना संक्रमण ने सिर्फ राज्यों के मंत्रिमंडल में ही नुकसान नहीं पहुँचाया बल्कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी संक्रमण से कुछ मंत्रियों की जाँच चले गई | हाल ही में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगडी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था | इसके बाद रामविलास पासवान भी भगवान को प्यारे हो गए | हालाँकि उन्हें कोरोना ने नहीं बल्कि दूसरी बीमारी ने नुकसान पहुंचाया था | पासवान के निधन के बाद मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें एक बार फिर से तेज हो गई हैं। दरअसल पासवान के निधन के बाद मोदी कैबिनेट में सहयोगियों का प्रतिनिधित्व लगभग खत्म हो गया है। ऐसे में नए सहयोगियों और नए मंत्रियों की तलाश भी शुरू हो गई है | राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि नवरात्र में मोदी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है | हालाँकि कुछ नेता यह भी संभावना जता रहे है कि पीएम मोदी बिहार चुनाव के बाद अपने मंत्रिमंडल का बड़ा विस्तार करेंगे।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में अपेक्षाकृत छोटे 57 सदस्यों के साथ शपथ लेकर कामकाज की शुरुआत की थी। तब चर्चा थी कि जदयू, अपना दल जैसे दलों को जगह न मिलने के कारण पीएम जल्द अपनी टीम का विस्तार करेंगे। इसी बीच शिवसेना कोटे के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत और उनके बाद अकाली दल कोटे की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया। इसी दौरान रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। इन दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल में महज 53 सदस्य बचे हैं | हालाँकि मंत्रिमंडल में पीएम 81 मंत्रियों को रख सकते हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में एनडीए का आकार काफी सीमित नजर आया है | शिवसेना, अकाली दल, आजसू समेत कुछ और छोटे दलों ने एनडीए से नाता तोड़ दूरियां बना ली थी। इस दौरान दूसरी पारी में पीएम ने अपने तीन सहयोगियों को कैबिनेट तो एक को राज्यमंत्री का पद दिया था। इसमें से कैबिनेट के तीनों पद अलग-अलग कारणों से खाली हो गए। वर्तमान में सहयोगी दल से आरपीआई के रामदास अठावले ही बतौर राज्य मंत्री टीम मोदी में शामिल हैं।

टीम में कम मंत्रियों के कारण कई मंत्रियों पर काम का बोझ बेहद ज्यादा है। मसलन पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान एक से अधिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पासवान के निधन के बाद उपभोक्ता मामले की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे पीयूष गोयल के पास रेलवे और वाणिज्य दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी पहले से ही है।

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बताया जाता है कि अब मंत्रिमंडल विस्तार पर लगातार मंथन हो रहा है। भाजपा के केंद्रीय संगठन ने अपनी नई टीम की घोषणा भी कर दी है | इसे मंत्रिमंडल विस्तार के लिए उपयुक्त बताया जा रहा है | चर्चा है कि मोदी सरकार नवरात्र के दौरान मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है | कुछ नेताओं की दलील है कि बदली परिस्थितियों में पीएम संभवत: बिहार चुनाव तक इंतजार करवा सकते है | उनके मुताबिक रामविलास पासवान की जगह उनके पुत्र चिराग को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। हालाँकि पासवान की लोजपा बिहार में एनडीए का दामन छोड़ चुनावी मैदान में उतरी है। नेता मानते है कि देर सबेर लोजपा भी एनडीए में वापस समा जाएगी |