
किश्तवाड़ बादल फटना: भारी तबाही और राहत कार्य
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चोसिटी गांव में गुरुवार (14 अगस्त) दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई। इस भीषण बाढ़ ने पूजनीय मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते का आखिरी मोटर-योग्य मार्ग भी बहा दिया। इस घटना में कम से कम 46 लोगों की मौत हुई है, जिनमें दो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान भी शामिल हैं। अब तक 160 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है।
बाढ़ मचैल माता यात्रा के दौरान आई, जिसमें बड़ी संख्या में तीर्थयात्री शामिल थे। पानी और मलबे के अचानक बढ़ने से सड़क संपर्क टूट गया, संपत्ति नष्ट हुई और कई लोग मलबे में फँस गए।
बचाव अभियान जोर-शोर से जारी
अधिकारियों के अनुसार 167 लोगों को बचाया गया है, जिनमें 38 गंभीर रूप से घायल हैं। सेना की व्हाइट नाइट कोर, पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवक घटनास्थल पर राहत कार्य में जुटे हैं। पांच से अधिक सैन्य टुकड़ियाँ, 300 सैनिकों और चिकित्सा उपकरणों के साथ राहत और बचाव में लगी हुई हैं। ज़रूरत पड़ने पर वायु सेना को भी अलर्ट रखा गया है।
केंद्रीय और राज्य नेताओं का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ की टीमों को तुरंत मौके पर भेजने के निर्देश दिए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और स्थानीय प्रशासन सभी एजेंसियों के साथ समन्वय कर राहत कार्य कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है। कई गाँव की बस्ती कीचड़ और मलबे में दब गई है। ढांचे की सुरक्षा जांच और सड़क मरम्मत का काम भी जारी है, जबकि जीवित बचे लोगों की तलाश रात तक जारी रहेगी।