छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को साँटा मारने वाले शख्स भरोसा राम का घटना के साढ़े तीन माह बाद निधन, राजनैतिक गलियारों में अनहोनी की चर्चा , आखिर बैगा कौन ? सीएम को साँटा मारने की ख्वाईश रखने वाले सकते में , बघेल ने जताया शोक, कहा-पारिवारिक क्षति

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रायपुर / इस साल दीपावली के मौके पर मनाई जाने वाली  गौरा-गौरी पूजा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को साँटा मारने वाले भरोसा राम ठाकुर नहीं रहे | भिलाई-जंजगिरी  निवासी भरोसा राम उस समय सुर्ख़ियों में आये थे जब उन्होंने करीब साढ़े तीन माह पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक रस्म अदाएगी के दौरान सांटा मारा था | वे अपने इलाके में बैगा के रूप में भी जाने पहचाने जाते थे |  

शनिवार को देर रात गृह ग्राम में उनका निधन हो गया | उनके निधन पर मुख्यमंत्री बघेल ने दुःख व्यक्त किया है | मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि यह उनके लिए पारिवारिक क्षति है | उनका जाना परिवार के एक सदस्य के चले जाना जैसा है | वे बीते कई वर्षों से जंजगिरी गाँव के गौरा-गौरी पूजा में हिस्सा लेते आ रहे हैं | इस दौरान भरोसा राम साँटा मारकर उन्हें आशीर्वाद देते थे | उनके लिए मंगलकामनाएं करते थे | उनसे मेरा वर्षो पुराना आत्मीय संबंध रहा है | वे हमारे घर के बुजुर्ग थे | मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना करता हूँ | 

उधर भरोसा राम ठाकुर के निधन के बाद राजनैतिक गलियारों में बैगा कौन की चर्चाएँ जोरो पर है ? बैगा राम ठाकुर के निधन की खबर सुनकर सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि आने वाले त्योहारों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सांटा मारने की ख्वाईश रखने वालों के भी पैरों तले जमीन खिसक गई है | उन्हें इस बात का अंदेशा है कि मुख्यमंत्री को सांटा मारना कही महंगा ना पड़ जाए | दरअसल भूपेश बघेल को सांटा मारने के बाद भरोसा राम ठाकुर अचानक सुर्खियों में आ गए थे | गांव से लेकर शहर तक लोगों की जुबान पर उनका नाम था | लिहाजा कई लोगों ने सपना संजोयें रखा था कि आने वाली दीपावली में वे भी मुख्यमंत्री को सांटा मारकर अपना भाग्य आजमायँगे | बताया जाता है कि भरोसा राम ठाकुर बुजुर्ग जरूर थे , लेकिन इस हाल में नहीं थे कि सांटा मारने के चंद माह बाद ही स्वर्ग सिधार जाए | कई लोगों को इस तरह से उनका जाना किसी अनहोनी से कम नजर नहीं आ रहा है | 

कई राजनेता तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली को देखकर इतने गदगद है कि वो उन्हें कांग्रेसी बैगा की संज्ञा देने लगे है | उनका मानना है कि राज्य की एक बड़ी आबादी के सिर पर चढ़ा बीजेपी का भूत उन्होंने बड़ी जल्दी उतार दिया था | गढ़बो छत्तीसगढ़ और कई लोक कल्याणकारी नीतियों को लागू कर उनका जलवा अब लोगो के सिर चढ़कर बोल रहा है |