United Nation: तोते की मीठी बोली सुनने को तरस जाएंगे लोग, 356 में से 123 प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंची

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Crisi On Parrots: भविष्य में इंसान तोते (Parrots) की मीठी बोली सुनने को तरस जाएंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस रफ्तार से दुनिया में तोतों की संख्या में गिरावट आ रही है. जल्द ही ये खूबसूरत प्रजाति दुनिया से विलुप्त हो जाएगी. संयुक्त राष्ट्र (United Nation) द्वारा पोषित संस्था इंटरगर्वेमेंटल साइंस पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडायवर्सिटी एडं इको सिस्टम (IPBEAS) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि जिराफ के साथ-साथ तोते और दस लाख पशु-पशियों और पेड़ों की प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, तोते की दुनियाभर में मौजूद कुल 356 प्रजातियों में से 123 प्रजातियां विलुप्ती की कगार पर हैं. रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि अगर जल्द ही इस दिशा में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो जल्द ही तोते की कई प्रजातियां दुनिया से विलुप्त हो जाएगी. बता दें कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अनुसार अबतक पक्षियों की 190 से अधिक प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं. जिनमें से तोते की कई प्रजातियां भी शामिल हैं.

इसलिए विलुप्त हो रही पक्षियों की प्रजातियां
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर की सरकारें हर साल 50 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम उद्योगों पर खर्च करती है. जिसका सीधा असर वन्य जीवों और जंगलों पर पड़ रहा है. रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि समय रहते अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो परिणाम भयानक हो सकते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच में से एक व्यक्ति की आय और खाने का साधन जीव है और 10 हजार से ज्यादा वन्य जीवों का शिकार इसकी मुख्य वजहों में से एक है.

वहीं, दुनियाभर के 240 करोड़ लोग ईंधन के लिए जंगली लकड़ी पर निर्भर है इसलिए तेजी से जंगलों को काटा जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 70 फीसदी गरीब लोग खाने के लिए वन्यजीवों पर आश्रित हैं. जिसके कारण कृषि भूमि की मांग बढ़ने से जंगलों का दायरा तेजी से घट रहा है. जिसके कारण तोते समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या तेजी से घट रही है.