Delhi News: पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल भले ही कांग्रेस के हिस्सा नहीं है, लेकिन वह केंद्र सरकार और दिल्ली की राजनीति में पहले की तरह सक्रिय हैं. यही वजह है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में आप की महारैली के बीच वो सुर्खियों में बने हुए हैं. इस बीच उन्होंने रामलीला मैदान आप की महारैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जनता अब केंद्र सरकार को पसंद नहीं करती. जनता अब तानाशाही के खिलाफ उठ खड़ी हुई है. विपक्षी दलों को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है.
इस बीच उन्होंने एक और ट्वीट कर बृजभूषण और दिल्ली की आड़ में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्विट में तंज कसते हुए लिखा है कि यौन उत्पीड़ के आरोपी और बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसे बीजेपी सांसद का गिरफ्तार करने के लिए सबूत चाहिए. इसके जवाब में उन्होंने पूछा है कि क्या हर पीड़ित को अपने खिलाफ संभावित उत्पीड़न क लिए पहले से तैयार रहना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली पुलिस को सबूत के तौर पर वीडियो, ऑडियो, कॉल रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट चाहती है. तो अब पीड़ितों को कैमरे पर क्लिक करने के लिए तैयार रहना चाहिए और हमले को रिकॉर्ड करने के लिए किसी को तैयार रखना चाहिए. इसके लिए तो आरोपी को भी पीड़ितों को नोटिस देकर मारपीट करनी होगी! क्या ऐसा संभव है?
कपिल सिब्बल ने इससे पहले केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि साल 2014 से 2023 के मोदी सरकार के कार्यकाल को अच्छे कार्यों के अलावा नफरत की संस्कृति, फेक न्यूज, धोखा, साम्प्रदायिक राजनीति, तानाशाही सरकार, राजनीतिक शोबिज, डेटा हेरफेर, संस्थागत भेदभाव, प्लांट मीडिया, ट्रोलिंग और भ्रष्टाचार के लिए याद किया जाएगा.