लोगों की जुबान पर बघेल अंदर जायेगा या नहीं ? चौकीदार ही चोर है, छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का ‘एटीएम’ बनाने वालों पर कसा CBI का शिकंजा, महादेव ऐप घोटाले की रकम की आंच कांग्रेस आलाकमान के हाथों तक, क्या है एजेंसियों का अगला कदम ?…

0
167

दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल को ‘चौकीदार चोर है’ जैसा नारा लगाते हुए बीजेपी और केंद्र पर तंज कसते आपने देखा और सुना होगा ? लेकिन हकीकत क्या है, इसका अंदाजा आप आसानी से लगा सकते है। छत्तीसगढ़ में सरकारी धन की लूटपाट और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद महादेव ऐप सट्टा संचालित करने के अपराध में सुर्ख़ियों में आये बघेल और उनके संगी-साथियों पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। उनके ठिकानों पर छापेमारी जारी है, अंदेशा कई गुर्गों की गिरफ्तारी का भी जताया जा रहा है।

सूत्र तस्दीक करते है कि सीबीआई को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शराब और महादेव ऐप घोटाले से जुड़े कई नए दस्तावेज और डिजिटल सबूत हासिल होने के बाद एजेंसियों ने पूर्व मुख्यमंत्री के गिरोह पर एक साथ दबिश दी है। जनता की निगाहे सीबीआई के अगले कदम पर टिकी है। लोगों की जुबान पर है, बघेल अंदर जायेगा या नहीं ?    

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने पूरे 5 वर्ष ना केवल जनता को शराब का आदी बना दिया है, बल्कि 2200 करोड़ के शराब घोटाले को अंजाम देकर मोटी रकम मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये ठिकाने भी लगा दी है। यही हाल उनके गुर्गों का बताया जाता है। प्रदेश में अंजाम दिए गए तमाम बड़े घोटालों की नींव तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के आवास पर ही रखी जाती थी।

अब ऐसे ठिकानों की ओर एजेंसियां रुख कर रही है। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके गुर्गे सालाना अरबों कमाते थे, फिर उस रकम को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये दुबई समेत खाड़ी देशों तक ठिकाने लगा देते थे। सूत्र तस्दीक करते है कि जेल में बंद कई आरोपियों का कारोबार दुबई तक फैला हुआ है। 15 हज़ार करोड़ का महादेव ऐप सट्टा घोटाला ही नहीं बल्कि दर्जनों घोटाले की रकम देश-विदेश में ठिकाने लगा दी गई है। 

ताजा जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल के पदम नगर भिलाई आवास के अलावा विधायक देवेंद्र यादव के सेक्टर 5 निवास एवं सेक्टर 9 में गहमागहमी देखी जा रही है। यहाँ सड़क पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान तैनात है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत केपीएस स्कूल के संचालक त्रिपाठी के ठिकानों पर भी सीबीआई ने दबिश दी है।

बताते है कि उनके इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ-साथ अन्य बंगले में छापेमारी हुई है। दुर्ग के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव के सेक्टर-9 स्थित आवास के अलावा बंगला नंबर-17 में 2001 बैच के आईपीएस एवं रायपुर के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक डॉ आनंद छाबड़ा, आईपीएस अभिषेक पल्लव के आवास पर भी सीबीआई के छापे की सूचना प्राप्त हुई है। 

राजधानी रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के आपराधिक मामलों के सलाहकार और रायपुर के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक 2005 बैच के आईपीएस शेख आरिफ, 2005 बैच के आईपीएस प्रशांत अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के साथी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक महेश्वरी भी सीबीआई के लपेटे में बताये जाते है। करप्शन बघेल के आर्थिक सलाहकार और रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा के रायपुर में सिविल लाइन स्थित ब्यूटी पार्लर वाले विभिन्न बंगलों में भी सीबीआई की टीम डटी है।

यह भी बताया जाता है कि भिलाई तीन में पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल के ओएसडी मनीष बंछोर के बंगले में छापे जारी है। इधर छापेमारी के बाद राजनीति भी सरगर्म है। भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लोगों को ताजा हालात से अवगत कराया है। बघेल ने X पर लिखा- “अब सीबीआई भी पहुंची।

उधर वरिष्ठ बीजेपी नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने करप्शन बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ कर बघेल ने सिर्फ पुलिस, सीबीआई, IT-ED, DRI समेत अन्य एजेंसियों को न्योता ही दिया है, यदि 5 वर्ष जनकल्याण में गुजारते तो यह दिन नहीं देखने पड़ते। गुप्ता यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि ED-सीबीआई और पीएमओ को भेजी गई उनकी शिकायते रंग ला रही है। ‘चौकीदार ही चोर है’ और चोर के मुँह तिनका भी नजर आने लगा है।

हालांकि सीबीआई की छापेमारी कांग्रेस के कई नेताओं ने जायज ठहराया है। वो इस पर हैरानी जताने के बजाय इसे एजेंसियों का सधा कदम बता रहे है, उनके मुताबिक सीबीआई देर से आई, लेकिन दुरुस्त आई है, पब्लिक मनी को हथियाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए।

उनके मुताबिक छापेमारी को राजनीति से नहीं बल्कि अपराध की दृष्टि से देखना चाहिए। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ कांग्रेस से लेकर आम जनता का गुस्सा उबाल मार रहा है। कांग्रेस राज में घोटालों की झड़ी लगने के बाद मतदाताओं ने पहले करप्शन बघेल को विधानसभा चुनाव में दरकिनार कर दिया था। इसके बाद राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में संसद पहुंचने के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

राजनैतिक मामलों के जानकारों के मुताबिक बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से भारी मतों से पराजित करने के बाद भी मतदाताओं का गुस्सा थामे नहीं थमा है, हालिया नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनावों में भी बघेल का चेहरा देखते ही मतदाताओं ने कांग्रेस को ख़ारिज कर दिया था। उधर सीबीआई की छापेमारी के बीच यह भी खबर सामने आ रही है कि लंबे अरसे से फरार कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल की खोजबीन भी जोरो पर है।

सूत्र तस्दीक करते है कि महादेव ऐप समेत कई घोटालों की रकम कांग्रेस के प्रभावशील कई नेताओं के हाथों में भी सौंपी जाती थी। ED की छापेमारी के दौरान कई ऐसे सबूतों के हासिल होने के बाद एजेंसियों की जांच कांग्रेस आलाकमान तक भी जा पहुंची है। कई राजनैतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में घोटाले की रकम खर्च की जाती थी। इसके अलावा बतौर नजराना छत्तीसगढ़ से सम्बद्ध पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के हाथों में भी बतौर नजराना पेश की जाती थी। लेनदेन का यह उपक्रम फरार नेता रामगोपाल अग्रवाल के दिशा-निर्देशों पर क्रियान्वित किया जाता था।

गौरतलब है कि ED ने अपनी चार्जशीट में कई ऐसे दस्तावेज भी संलग्न किये है, जिससे पता पड़ता है कि छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बना दिया गया था। रामगोपाल अग्रवाल और कांग्रेस आलाकमान के बीच की कड़ी से जुड़े कई सबूतों के हाथ लगने के बाद एजेंसियों की कार्यवाही के दूरगामी परिणामों का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है।

सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि घोटालों से नगद रकम हासिल कर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल दोनों हाथों से लूटा रहा थे। इसका सर्वाधिक उपयोग खुद की राजनीति चमकाने के लिए किया जा रहा था। फ़िलहाल, छत्तीसगढ़ में छापेमारी जारी है, लोगों की निगाहे सीबीआई के अगले कदम पर टिकी है।