दिल्लीः चीनी लोन एप कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई के बाद पेटीएम की साख दांव पर लग गई है | उसने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि पेटीएम फंड्स को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किया गया है | इस हफ्ते ने ईडी ने चीनी इंवेस्टमेंट टोकन एप कंपनी पर छापेमारी की थी | इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया था । जांच एजेंसी ने बैंगलुरू में Razorpay, Paytm और Cashfree के ठिकानों पर पर चीनी व्यक्तियों द्वारा “नियंत्रित” तत्काल ऐप-आधारित लोन देने वाली कंपनियों के संचालन में कथित अनियमितता पाई थी |
बाद में 17 करोड़ रुपये जो खाते में जमा थे उनके जब्ती का आदेश दिया था | जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से डायरेक्टर बनाती हैं जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और परिचालन चीन के लोग करते हैं. इसके अलावा जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईटी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थी | जांच में इन कंपनियों ने जो पते दिए थे, वे भी फर्जी पाए गए थे |
ऑनलाइन भुगतान सेवाएं देने वाली चीनी कंपनियां 2020 से ही “ईडी की रडार” में थी | दरअसल कई राज्यों से कर्ज लेने वाले ग्राहकों की आत्महत्या और उत्पीड़न के मामले सामने आए थे | इसके बाद ईडी ने PMLA के तहत जांच शुरू की | इसमें पुलिस ने भी कहा था कि कर्ज ऐप कंपनियां कर्ज लेने वाले लोगों को डराती-धमकाती हैं | चीनी लोन एप कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के लपेटे में paytm भी शामिल बताया जा रहा है |
हालाँकि उसकी संलिप्ता को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है | जबकि चीनी लोन एप कंपनियों के Easebuzz, Razorpay, Cashfree और Paytm जैसी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनियों के अकाउंट में पड़े 46.67 करोड़ रुपये को सीज करने की खबर है | इन गेटवे कंपनियों के अकाउंट में पड़े पैसे को एंटी-मनी लॉंड्रिंग कानून के तहत फ्रीज किए जाने का दावा किया जा रहा है |
इस आपाधापी के बीच पेटीएम ने उन खबरों का खंडन किया है,जिसमें कहा गया है कि पेटीएम फंड्स को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किया गया है | पेटीएम ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के कहने पर कुछ मर्चेंट के पैसे को जब्त किया गया है. इनमें से कोई भी फंड पेटीएम या फिर उसकी ग्रुप कंपनियों का नहीं है |