रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना
रायगढ़। धरमजयगढ़ के शासकीय कन्या क्रीड़ा परिसर क्वारेंटाइन सेंटर में मरीजों को पौष्टिक भोजन नही मिलने से यहां उपचाररत कोरोना मरीज नाराजगी के साथ मजबूरी में दिन गुजार रहे हैं। मरीजों की शिकायत के बावजूद खान पान में सुधार नही हो सका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र स्थित शासकीय कन्या क्रीड़ा परिसर को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्वारंटाईन सेंटर बनाया गया है। किंतु इस सेंटर में उपचाररत मरीजों का कहना है कि यहां स्वच्छता का ध्यान नही रखा जा रहा है और उन्हें पौष्टिक भोजन नही दिया जा रहा है। जिसके कारण कई मरीजों की तबियत बिगडऩे लगी है। मरीजों का कहना है कि इस सेंटर में प्राय सूखे आलू की सब्जी और स्तरहीन चावल परोसा जाता है। सुबह के समय बनी आलू की सब्जी को रात के समय के खाने में भी परोस दिया जाता है। भोजन पकाने के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नही रखा जा रहा है जिसके कारण कई मरीजों के भोजन में बाल या मिट्टी का अनुभव होता है। क्वारंटाईन सेंटर में हमेशा छत से पानी टपकता है और कमरों में सीलन के कारण मरीज रात भर ठंड से ठिठुरने को मजबूर हो रहे हैं। कई बार तो रात में बारिश होनें के कारण यहां के अधिकांश मरीज रात भर सो भी नही पाते। प्रभावित मरीजों का कहना है कि शिकायत करने के बाद किसी अधिकारी से जांच कराने की जगह ड्राईवर को निरीक्षण करने का आदेश देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है।
वहीं इस संबंध में सेंटर के प्रभारी बिरहोर आश्रम के अधीक्षक से चर्चा करने पर उनका कहना था कि मरीजों के लिए सेंटर में रसोइया लगवाया गया है मगर परिसर की देखरेख और भोजन की व्यवस्था नगर पंचायत के द्वारा की जाती है। ऐसे में पंचायत की तरफ से जो दिया जाएगा उसे ही रसोइया भोजन के रूप में पका कर खिलाने को मजबूर है। बहरहाल इस क्वारंटाईन सेंटर में अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में कोरोना मरीजों के साथ कोई बड़ी घटना सामने आ सकती है।