हरेली त्यौहार पर छत्तीसगढ़ कृषि प्रदान राज्य को मिला गोधन न्याय योजना का सौगात, राज्य सहित बस्तर के गो पालन परिवारों को मिलेगा लाभ, प्रति किलो दो रूपये के दर पर बिकेगा गोबर, सुकमा में बापू को याद करते सांसदीय सचिव रेखचंद जैन व हरीश कवासी ने की योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत

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रिपोर्टर – रफीक खांन

सुकमा – छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार ने गौठानों से जुड़े एक और योजना की शुरुआत आज से करने जा रही है । हरेली त्यौहार पर छत्तीसगढ़ कृषि प्रदान राज्य को मिली इस गोधन न्याय योजना की सौगात । इससे राज्य सहित बस्तर के गो पालन परिवारों को मिलेगी लाभ । प्रति किलो दो रूपये के दर पर बिकेगी गोबर । सुकमा में बापू को याद करते सांसदीय सचिव रेख चंद जैन व हरीश कवासी ने योजना के क्रियान्वयन को लेकर छिंदगढ़ विकास खंड के कांजीपानी ग्राम से इसकी शुरुआत की है । सांसदीय सचिव बनने बाद पहली बार सुकमा पहूंचे श्री जैन का अतिथियों ने स्वागत ग्रामीणों परम्परागत लोकनृत्य के साथ किया । ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को लेकर बनाए गए इस योजना की शुरुआत कृषि यंत्रों की पूजा और गोबर तौलकर किया गया ।

गोधन के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम : रेखचंद जैन

राज्य शासन की महात्वाकांक्षी योजना पर उन्होंने ग्रामीणों को हरेली की शुभकामनाएं दी । और गोधन न्याय योजना के संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम कहते जनता में इस नीति से खुशी है कहीं । मुख्यमंत्री द्वारा नरवा गरुआ, घुरवा बाड़ी कार्यक्रम के जरिए ग्रामीणों को आर्थिक रुप से मजबूत करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। इसी कड़ी में गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। इससे ग्रामीणों में गायों का महत्व बढ़ेगा और वे इसे खुले में घूमने नहीं देंगे। गायों के खुले में घूमने के दौरान कई बार दुर्घटनाएं होती हैं। इससे पशुपालकों का भी नुकसान होता है। खुली गायों के खेतों में पहुंचने के कारण जहां खेत के मालिक का नुकसान होता है, वहीं कई बार गांव में तनाव की स्थिति भी निर्मित होती है।

जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ने हमेशा किसानों और ग्रामीणों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है। इसकी शुरुआत किसानों की कर्जमाफी और धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए कर हुई है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अब किसानों को अंतर की राशि दी जा रही है, जिसका प्रारंभ 21 मई को हुआ है। 20 अगस्त को इस योजना के तहत दूसरे किश्त की राशि दी जाएगी। तेंदूपत्ता का प्रति मानक दर भी 2500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए कर वनवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए किया गया। छत्तीसगढ़ शासन की किसान और मजदूर हितैषी नीतियों की सराहना करते हुए जैन ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों को वापस लाने के साथ ही उनके सेहत की देखभाल के लिए भी बेहतर कदम उठाए गए। अब स्वस्थ मजदूरों को रोजगार दिलाने का कार्य भी सरकार द्वारा किया जा रहा है।

जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना को ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाली योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस गोबर से जैविक खाद बनाया जाएगा, जिससे खेतों की स्थिति भी बेहतर होगी और लोगों को स्वाद और सेहत से भरपूर भोजन मिलेगा। इसके साथ ही गोठानों में कई रोजगारमूलक कार्य भी प्रारंभ किए गए हैं। यहां लेयर फार्मिंग द्वारा उत्पादित अंडों का प्रदर्शन देखकर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि इन अंडों का उपयोग आश्रम-छात्रावास और आंगनबाड़ियों में बच्चों को सेहत सुधारने के लिए किया गया। इससे स्थानीय ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई। उन्होंने कहा कि सुकमा जिले का विकसित जिला बनाने का सपना शीघ्र ही साकार होगा।

इस अवसर पर धनबाई स्वसहायता समूह को डेयरी स्वीकृति का प्रमाण पत्र व किसानों को हरा चारा का बीज भी प्रदाय किया गया। इसके साथ ही यहां पौधरोपण भी किया गया।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री चंदन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नूतन कुमार कंवर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती देवली बाई, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष श्री राजू साहू उपाध्यक्ष आयशा हुसैन करण सिंह देव जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश्वरी बघेल युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दुर्गेश राय राजूराम नाग सुकमा नगर अध्यक्ष शेख सज्जार सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थिति थे ।