सुनील नामदेव
नई दिल्ली: Parliament Today: लोकसभा में आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सदन की निगाहे लगी हुई है। राहुल के बोल सुनने के लिए विपक्ष काफी उत्साहित है। राहुल गांधी की बारी संसद में बोलने की है, लिहाजा अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि आज दोपहर दो बजे लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर उनके बोल मीडिया की सुर्खियां बन सकते हैं। कांग्रेस सांसदों का मानना है कि राहुल को निचले सदन को संबोधित करना चाहिए, विपक्ष के नेता के तौर पर उनके संबोधन का काफी असर पड़ेगा। हालांकि, सूत्र तस्दीक करते है कि राहुल गांधी ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सांसदों की मांग के चलते वह आज सुबह निचले सदन को संबोधित करने पर फैसला ले सकते है।
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उधर विपक्ष भी राहुल गांधी के बोल सुनने के लिए लालायित दिखाई दे रहा है। बीजेपी के कई सांसद राहुल के संभावित सवालों के जवाब की तैयारी के साथ सदन में दाखिल हो रहे है। वे भी राहुल को सुनने की इच्छा जाहिर कर रहे है। इससे पहले रविवार का दिन कांग्रेस खेमे में गहमागहमी में बीता। लोकसभा सांसदों के साथ बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि चूंकि वह पहले ही संसद के विशेष सत्र के दौरान बोल चुके हैं, इसलिए उनका मानना है कि हर बार उनके बोलने के बजाय दूसरों को भी बारी-बारी से बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।
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दरअसल, राहुल गांधी ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह ‘भारत के संघीय ढांचे की गरिमा’ पर हमला है। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह बजट भारत के संघीय ढांचे की गरिमा पर हमला है- सत्ता बचाने के लालच में देश के अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई है, उनके साथ भेदभाव किया गया है।’ वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल ने शुक्रवार को संसद परिसर में बजट के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडिया के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।
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उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में संक्षेप में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर कहा था कि सीतारमण के भाषण में केवल दो राज्यों के लिए परियोजनाओं का उल्लेख किया गया है। खरगे ने कहा कि ऐसा बजट कभी पेश नहीं किया गया। यह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए किया गया है, जो जेडीयू और टीडीपी के समर्थन पर निर्भर है। फ़िलहाल सत्ताधारी बीजेपी भी कांग्रेस की रणनीति से वाकिफ नजर आ रही है। उसे भी राहुल के बोल का इंतज़ार है। बीजेपी सांसदों ने तो राहुल के बयानों को लेकर आश्चर्य जताया है।
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उनके मुताबिक राहुल के भाषण और काल्पनिक तथ्यों से ज्यादा जरूरी हमारा विजन 2047 है, इस पर अमल करने के लिए पीएम मोदी जोर – शोर से जुटे हुए है, सिर्फ बीजेपी ही नहीं अब कई विपक्षी दल सोचने लगे है कि वे कांग्रेस का साथ छोड़ NDA की विकास योजनाओं पर अपना समर्थन जाहिर करे। छत्तीसगढ़ से बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी, सदन में जो कुछ बोलते है, वो हंसी ठिठोली और चुटकुला बनकर जनता के सामने आता है। उन्होंने कहा कि सदन में गंभीरता दिखाने के बजाय विपक्ष सिर्फ राजनीतिक रोटी सेंक रहा है।