NEWS TODAY : रायपुर से सटे धरसींवा में बेशकीमती सरकारी जमीन पर तनी दुकानों को किरायेदारों की तलाश, स्थानीय विधायक पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप, पंचायत लड़ते-लड़ते बेदम, नहीं हटा बेजा कब्ज़ा

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रायपुर : रायपुर से सटे धरसींवा में सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं के कब्जे से स्थानीय ग्रामीण दो-चार हो रहे है। जिला प्रशासन के रवैये से थक हार कर  ग्राम पंचायत भी शिकस्त हो गई है। ग्रामीण इस बात को लेकर नाराज है कि स्थानीय विधायक द्वारा भू माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है। जबकि प्रशासन ने बेजा कब्ज़ा हटाने के लिए दो-दो बार नोटिस जारी किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि धरसींवा विधायक के दबाव में प्रशासन ने अपने कदम वापस खींच लिए हैं। अब बेजा कब्ज़ा हटाने के बजाय शिकायतकर्ताओ को ही अधिकारी परेशान करने लगे है। गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के धरसींवा दौरे से पूर्व भूमाफिया द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को डराने-धमकाने का मामला सामने आया था। 

बताया जाता है कि गांव की सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं के अतिक्रमण मामले की शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से भी की थी। बताया जाता है कि धरसींवा के ग्राम रैता में सड़क किनारे बेशकीमती सरकारी जमीन पर भू माफियाओं ने कब्ज़ा कर लिया है। उनके द्वारा यहां कांप्लेक्स का निर्माण कराया गया है। ग्रामीणों ने बेजा कब्जा हटाने की शिकायत कलेक्टर समेत कई अधिकारियों से की थी। इस पर कार्यवाही भी हुई।

जानकारी के मुताबिक प्रशासन द्वारा बेजा कब्ज़ाधारियों को नोटिस जारी किया गया था , लेकिन प्रशासनिक अमले ने अपने ही नोटिस के पालन में कोई रूचि नहीं दिखाई। बताते है कि अब मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है। बताया जाता है कि अतिक्रमण की शिकायत करने वाले ग्रामीणों को ग्राम पंचायत से ही अयोग्य करने की धमकी दी जा रही है। 

पीड़ित ग्रामीणों के मुताबिक गांव की सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की जवाबदारी प्रशासन की है। यह जनहित का मामला है। ग्रामीणों के मुताबिक सार्वजनिक निस्तार वाली सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं के कब्जे से लोगो को दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण की नींव रखी जा रही थी तभी से गांव के सरपंच व ग्रामीणों ने इसकी लिखित शिकायत धरसीवा तहसीलदार से की थी। ग्रामीण बताते है कि तहसीलदार द्वारा अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया था। अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर अतिक्रमण रोकने के निर्देश दिए थे। परंतु अवैध अतिक्रमण जारी रहा। 

ग्रामीणों के मुताबिक दबंगो ने तहसीलदार के निर्देश को अनसुना कर दिया। ग्राम पंचायत के लगातार विरोध के बाद भी निर्माण कार्य जारी रखा गया। उनके मुताबिक आज इस स्थल पर कांप्लेक्स बना किरायेदारों की तलाश कर रहा है। जबकि सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रशासन कई बार हामी भर चूका है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को बार-बार लिखित शिकायत करने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीणों के मुताबिक जल्द अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो वे गांव से आंदोलन जत्था लेकर कलेक्टर कार्यालय की राह पकड़ेंगे। उधर ग्रामीणों के आरोपों को लेकर स्थानीय विधायक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।