ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग और राजनयिकों के निवासों की निगरानी तेज कर दी गई है, साथ ही कई घरेलू सुविधाएं अचानक बंद कर दी गई हैं। दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण कूटनीतिक माहौल अब और गंभीर हो गया है।
भारतीय राजनयिकों के लिए सेवाएं बाधित
सूत्रों के मुताबिक—
- भारतीय उच्चायोग और राजनयिक आवासों में अखबार की आपूर्ति रोक दी गई है।
- गैस सिलेंडर और पानी जैसी बुनियादी सेवाएं बाधित की गई हैं।
- स्थानीय विक्रेताओं को आदेश दिया गया है कि वे भारतीय अधिकारियों को कोई भी घरेलू सामान न दें।
इन कार्रवाइयों का सीधा असर भारतीय राजनयिकों के रोजमर्रा के जीवन पर पड़ा है।
निगरानी और घुसपैठ के आरोप
पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय राजनयिकों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
- सूत्रों का दावा है कि बिना अनुमति के भारतीय परिसरों में घुसपैठ के मामले भी सामने आए हैं।
- यह विएना संधि का उल्लंघन है, जो राजनयिकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम पाकिस्तान की डराने-धमकाने की रणनीति का हिस्सा है।
भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने भी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी राजनयिकों के लिए कुछ सुविधाएं सीमित की हैं—
- अखबार की आपूर्ति रोकना
- गैर-आवश्यक सेवाओं पर अस्थायी रोक
हालांकि, भारत का रुख अभी भी संतुलित और कूटनीतिक दायरे में है।
2019 की यादें ताजा
यह स्थिति 2019 के पुलवामा हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने माहौल जैसी है। उस समय भी पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन भारत ने संयम और रणनीतिक कूटनीति से जवाब दिया था।
