दिल्ली : गोवा में SCO Summit 2023 का आयोजन को लेकर पाकिस्तान को दिया गया न्योता चर्चा में है। गोवा में 4 और 5 मई को होने वाले सम्मेलन में शामिल होने के लिए अगर पाकिस्तान न्योता स्वीकार करता है तो यह लगभग 12 वर्षों में अपनी तरह का पहला मामला होगा।दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में कहा था कि उनके देश ने “तीन युद्धों से अपना सबक सीखा है” और “भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का यह बयान दोनों मुल्को में काफी चर्चित रहा। इसके कुछ दिनों बाद ही भारत ने शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद को निमंत्रण भेजा है। ये बैठक मई माह में गोवा में होनी है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के जरिये पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को बैठक के लिए गोवा आने का निमंत्रण भेजा गया है।
गोवा में इस बैठक का आयोजन 4 और 5 मई को होने के आसार है। पिछले आठ वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। अगस्त 2015 में भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज को निमंत्रण दिया था, लेकिन तत्कालीन विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अजीज को भारत में हुर्रियत से मिलने से परहेज करने के लिए कहा था। जिसके बाद यात्रा रद्द कर दी गई थी। हिना रब्बानी खार जुलाई 2011 में भारत आने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं।
SCO में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसी तरह का निमंत्रण मध्य एशियाई देशों के साथ चीन और रूस के विदेश मंत्रियों को भी भेजा गया है। हालांकि, द्विपक्षीय संबंधों में अब तक के सबसे ख़राब स्तर को देखते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को भारत का निमंत्रण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
बताते है कि पाकिस्तान में गृह युद्ध के हालात है। महंगाई चरम पर है, लोगो को खाने पीने के लाले पड़े है। सरकार के खिलाफ जनता सड़को पर है। पिछले माह ही पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो ने पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसका बीजेपी समेत कई दलों ने विरोध किया था। लेकिन इस सम्मेलन के लिए एक तरह से भुट्टो को भेजा गया न्योता चर्चा में है। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।