छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जोरो पर, किसानों की झोली में होगी नोटों की बारिश, किसानों को परेशान करने में जुटी भूपे कांग्रेस, पीड़ितों ने जारी किया वीडियो…  

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार ने किसानों की झोली में नोटों की बारिश करवाने की पूरी तैयारी कर ली है। राज्य में धान खरीदी जोरो पर है। 5 साल बाद किसानों का चेहरा एक बार फिर खिल उठा है। हालांकि विपणन संघ में कई ऐसे अधिकारी और कर्मी पदस्थ है, जो पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के करीबी बताये जाते है। उनके द्वारा ना केवल धान खरीदी प्रक्रिया प्रभावित की जा रही है, बल्कि किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान भी किया जा रहा है। पीड़ित किसानों ने एक वीडियो जारी कर अपनी आपबीती सुनाई है।

जानकारी के मुताबिक राज्य की बीजेपी सरकार को बदनाम करने के इरादे से दुर्ग जिले का  विपणन संघ सुर्ख़ियों में है। एक शिकायत के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के चहेते अधिकारियों की विपणन संघ में सक्रियता से जानबूझकर धान खरीदी में बाधा उत्पन्न की जा रही है। शिकायत में कहा गया है कि ट्रकों से धान खाली करवाने की व्यवस्था और धान के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिए जाने से खरीदी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है।

यहाँ की मंडियों में धान उठाव के लिए किसानों को जमकर पापड़ बेलने पड़ रहे है। दुर्ग और बेमेतरा जिले में धान खरीदी बंद कराने की दिशा में भूपे ब्रिगेड जोर-शोर से जुटा बताया जाता है। शिकायत के मुताबिक किसानों को नाराज कर बीजेपी सरकार के खिलाफ कांग्रेस को मुद्दा थमाने के लिए यहाँ पदस्थ अधिकारियों की भूमिका विवादों से घिरी बताई जा रही है। छत्तीसगढ़ में अब तक 67.77 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। इसके एवज में 14.04 लाख किसानों को 14059 करोड़ रूपए का भुगतान हाथों-हाथ किया गया है। अब तक 36.89 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक 15.25 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। जबकि कई इलाकों से कांग्रेस समर्थित कर्मियों की वजह से धान खरीदी में अवरोध और शिकायतों का ग्राफ भी लगातार बढ़ते जा रहा है। राज्य में धान 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अभी भी जोरो पर है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। बताया जाता है कि धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी शुरू कर दिया गया है।