भुवनेश्वर वेब डेस्क / उड़ीसा पुलिस लॉक डाउन के दौरान अपराधों की रोकथाम में जुटी है | गुंडे बदमाशों और पाकिटमारों को हवालात की सैर कराना जरुरी है, वर्ना समाज में अशांति फ़ैल जाएगी | लेकिन गुंडे, बदमाशों को पकड़ना अब पुलिस के लिए कम मुसीबत भरा काम नहीं है | गुंडे, बदमाशों और पाकिटमारों के फेर में जो पड़ा उसका कोरोना में फँसना तय माना जा रहा है | समस्या ये है कि असामाजिक तत्वों को खुलेआम छोड़ा भी नहीं जा सकता | लेकिन कोविड 19 के फेर इस कहावत पर भारी पड़ गया है। हुआ यूँ कि- छिनतई के आरोप में पुलिस पॉकेटमार को धर लाई, और तबियत से मरम्मत भी की गई। चार दिन बाद वो पॉकेटमार कोविड पेशेंट के रुप में चिन्हांकित हुआ तो नतीजतन कोतवाल से लेकर नगर सैनिक तक क्वारनटाईन सेंटर पहुँच गए हैं।
मामला उड़ीसा के कुंभारपड़ा पुलिस थाने का है। दरअसल पुलिस एक पाकेटमार को छिनतई के आरोप में थाने लाई थी | जहां उसकी जमकर खातिरदारी की गई | लेकिन जाँच के दौरान उसके कोविड संक्रमित होने की बात सामने आई तो समूचा पुलिस विभाग के पैरोँ तले जमीन खिसक गई | आनन -फ़ानन में कोतवाल समेत पूरे थाना स्टाफ़ जिनकी संख्या 30 है, उन्हें क्वारनटाईन सेंटर भेज दिया गया है। दूसरी ओर पुरे थाना परिसर को सैनिटाईज किया गया है। अब इन सभी का सैंपल कोविड टेस्ट के लिए भेजा गया है | फ़िलहाल रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है |