राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने दिया झटका , सहकारी समितियों को भंग करने के आदेश निरस्त  

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हाईकोर्ट राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए सहकारी समितियों को भंग करने के आदेश को निरस्त कर दिया है । राज्य में कुल 1,333 साख सहकारी समितियां हैं जिन्हें रद्द करने का आदेश जारी किया गया था । याचिकाओं में कहा गया है कि प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी हुई समितियों को भंग करना गलत है । कुल 170 से ज्यादा दायर की गई याचिकाएं । चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच द्वारा की गई मामले पर सुनवाई | 

हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस रामचंद्रन की अध्यक्षता और जस्टिस पी पी साहू की डिविज़न बेंच वन ने इस मामले में राज्य सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें समितियों को भंग करने का आदेश जारी किया । हाईकोर्ट ने कहा सहकारी समिति अब काम नहीं करेगी, अधिकारी अब काम करेंगे, यह आदेश ग़लत है , सहकारी समिति निर्वाचित होती है , उसे ऐसे भंग नहीं किया जा सकता |

बता दें कि 2019 में भूपेश सरकार ने राज्य भर की 1333 साख सहकारी समितियों को भंग करने का आदेश जारी कर दिया था । इसके साथ ही नई समितियों का पुनर्गठन करने हेतु प्रावधान सरकार ने लाया था । जिसे प्रदेशभर के सहकारी समितियों द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी । मामले में कुल 170 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई थी । जिस पर एक साथ सुनवाई हुई । सुनवाई के बाद कोर्ट ने इन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए राज्य शासन के आदेश को निरस्त कर दिया है । कोर्ट ने यह माना है कि प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी हुई समितियों को भंग करना गलत है ।