ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को युद्धविराम पर सहमत करने वाली रणनीति
पेहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत बड़ी जवाबी कार्रवाई की थी। अब, तीन महीने बाद वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने इस ऑपरेशन से जुड़े नए तथ्य साझा किए हैं।
50 हथियारों से मिली सफलता
एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि इस ऑपरेशन में कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन अंत में सिर्फ नौ अहम लक्ष्यों को चुना गया। उन्होंने खुलासा किया कि महज 50 से कम हथियारों से भारत ने न केवल संघर्ष को खत्म किया बल्कि पाकिस्तान को युद्धविराम पर सहमत करने में सफलता पाई।
तकनीक और स्वतंत्रता बनी बड़ी ताकत
तिवारी के अनुसार, इस सफलता में Integrated Air Command and Control System (IACCS) की अहम भूमिका रही। इसके जरिए भारत ने दुश्मन के शुरुआती हमलों को झेला और तुरंत जवाबी कार्रवाई की। साथ ही, सरकार द्वारा दी गई पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता ने सेना को तेजी से फैसले लेने और परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देने में मदद की।
चार दिन चला ऑपरेशन
7 से 10 मई तक भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलों और ड्रोन हमलों के जरिए रावलपिंडी, सरगोधा, जैकबाबाद, भोलारी और स्कर्दू जैसे ठिकानों पर सटीक वार किए। इन हमलों के बाद पाकिस्तान की कई चालें नाकाम हो गईं और अंततः 10 मई को पाकिस्तानी DGMO को भारतीय समकक्ष से सीधे बात करनी पड़ी।
युद्धविराम और पाक उल्लंघन
10 मई की शाम दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तानी ड्रोन श्रीनगर और गुजरात के आसमान में दिखे। भारत ने इसे युद्धविराम का उल्लंघन बताया और सख्त चेतावनी दी।
