
जम्मू-कश्मीर। भारतीय सेना ने पुंछ सेक्टर में ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया है। इससे पहले ऑपरेशन महादेव में भी सेना ने तीन आतंकियों को ढेर किया था।
तीन दिनों में यह सेना की दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जो भारतीय सेना की सतर्कता और मजबूत खुफिया तंत्र को दर्शाती है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी संसद में इस ऑपरेशन की सराहना की है।
घुसपैठ की कोशिश नाकाम
सेना को पहले से सूचना थी कि कुछ आतंकी पुंछ में LOC पार कर घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। जैसे ही आतंकियों ने सीमा पार करने की कोशिश की, सतर्क जवानों ने उन्हें घेर लिया और कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी हुई बताई जा रही है।
हथियारों का जखीरा मिला
आतंकियों के पास से दो असॉल्ट राइफलें, ग्रेनेड, पिस्टल, IED, दवाइयां और कम्युनिकेशन डिवाइस बरामद हुए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे लंबी मुठभेड़ के लिए आए थे। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्थवाल ने बताया कि यह ऑपरेशन पुख्ता खुफिया इनपुट पर आधारित था।
क्यों रखा गया ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’?
पुंछ में बूढ़ा अमरनाथ यात्रा होती है, जो इस क्षेत्र की धार्मिक पहचान है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशन को ‘शिवशक्ति’ नाम दिया गया।
ऑपरेशन को कोड नेम क्यों दिया जाता है?
सेना ऐसे पूर्व-नियोजित अभियानों को एक कोड नाम देती है ताकि कम्युनिकेशन स्पष्ट और प्रभावी बना रहे। यह नाम आमतौर पर इलाके की भौगोलिक या धार्मिक विशेषता से जुड़ा होता है, जिससे ऑपरेशन की पहचान और उद्देश्य स्पष्ट हो सके।