
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने “ऑपरेशन महादेव” के तहत ढेर कर दिया है। शाह ने इसे सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी बताया और कहा कि इन आतंकियों के पाकिस्तान से संबंध के पुख्ता सबूत सरकार के पास मौजूद हैं।
लश्कर-ए-तैयबा के ‘ए-कैटेगरी’ आतंकी थे
गृहमंत्री ने बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान सुलैमान उर्फ फैज़ल, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है, जो लश्कर-ए-तैयबा के ए-कैटेगरी आतंकी थे। इनकी बैसारन घाटी में नागरिकों की हत्या में भूमिका थी।
संयुक्त कार्रवाई में हुई सफलता
भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इन आतंकियों को घेरकर मारा गया। शाह ने कहा, “सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया था कि ये आतंकी देश छोड़कर भागने न पाए, और उन्होंने उसी रणनीति के तहत इनका खात्मा किया।”
पाकिस्तान कनेक्शन के पुख्ता सबूत
अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान का वोटर आईडी और वहीं निर्मित चॉकलेट बरामद हुए हैं, जो उनके पाकिस्तानी कनेक्शन की पुष्टि करते हैं।
विस्तृत जांच और पहचान प्रक्रिया
इस हमले की जांच के दौरान 1,055 लोगों से पूछताछ की गई, जिनमें पीड़ित परिवार, टूरिस्ट, स्थानीय लोग और टट्टू मालिक शामिल थे। कंपोजिट स्केच तैयार कर दो संदिग्धों बशीर और परवेज की पहचान की गई, जिन्होंने आतंकियों को पनाह दी थी।
फॉरेंसिक से मिली पुष्टि
आतंकियों के शवों की एफएसएल जांच और बंदूकों की मैचिंग से यह पुष्टि हुई कि ये वही आतंकी थे जिन्होंने 22 अप्रैल को हमला किया था। चंडीगढ़ लैब की अंतिम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि जब्त हथियारों से ही हमला हुआ था।
आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
अमित शाह ने दो टूक कहा, “भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है और जो भी देश के खिलाफ हथियार उठाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन से दुनिया को यह संदेश गया कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करता।