
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए भीषण आतंकी हमले का बदला ले लिया गया है। ऑपरेशन महादेव के तहत लश्कर-ए-तैयबा के तीन कुख्यात आतंकियों — सुलेमान शाह, अफगान और जिब्रान को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मार गिराया गया।
26 निर्दोषों की हत्या का था आरोप
इन आतंकियों ने बैसरन घाटी में धर्म पूछकर 26 नागरिकों की निर्मम हत्या की थी। हमले के बाद सरकार ने सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश दिए थे कि आतंकी सीमा पार न कर सकें। इसी के तहत तेज कार्रवाई करते हुए एनआईए ने पहले ही दो स्थानीय मददगारों परवेज और बशीर को गिरफ्तार कर लिया था।
कैसे हुई पुष्टि?
सुलेमान और उसके साथियों की शिनाख्त उन संदिग्धों ने की, जो पहले से पुलिस हिरासत में थे और जिन्होंने आतंकियों को शरण दी थी। एफएसएल रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया कि हमले में बरामद हथियार इन्हीं के इस्तेमाल किए हुए थे।
🧨 क्या-क्या मिला आतंकियों के पास?
- 17 ग्रेनेड
- 2 एके-47 राइफलें
- 1 अमेरिकी M4 कार्बाइन
- पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड
- विदेशी चॉकलेट (पाक निर्मित)
ये सारे सबूत आतंकियों के पाकिस्तान से संबंध की पुष्टि करते हैं।
विपक्ष पर शाह का हमला
शाह ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी आतंकियों के मारे जाने पर विपक्ष खुशी जताएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव पर भी तंज कसा और कहा कि “आतंकियों के धर्म पर दुखी न हों, मैं हर सवाल का जवाब दूंगा।”