नई दिल्ली वेब डेस्क /
देश में प्याज की किल्ल्त से जल्द राहत की उम्मीद अब खत्म होती नजर आ रही है | तमाम सरकारी दावों के बावजूद प्याज की कीमतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है | आज भी बाजार में प्याज का दाम 90-100 रूपये प्रति किलों की दर पर स्थिर हो गया है | इससे महिलाओं की नारजगी लगातार बढ़ती जा रही है | उनके मुताबिक प्याज की आसमान छू रही कीमतों पर जल्द ही लगाम कसने की जरूरत है , वरना घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ जायेगा | इस बीच खबर आ रही है कि विदेश से 790 टन प्याज की पहली खेप भारत पहुंच गई है |
खबरों के मुताबिक सरकार ने दिल्ली व आंध्र प्रदेश में विदेशी प्याज की बाजारों में आपूर्ति शुरू कर दी है | लेकिन यह प्याज अभी भी आम उपभोक्ता से कोसो दूर है | एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि प्याज के बंदरगाह पर उतरने की लागत ही 57-60 रुपए प्रति किलो आई है | उनके मुताबिक इसी लागत पर राज्यों को इसकी आपूर्ति की जाएगी | अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर के आखिर तक देश में करीब 12 हजार टन प्याज का आयात होने की उम्मीद है | जाहिर है प्याज अपने पुरानी दर पर शायद ही लौट पायेगी |
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने अभी तक विभिन्न देशो के साथ 49,500 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है | इसमें से 290 टन और 500 टन की दो खेप मुंबई पहुंच चुकी है | इसमें घरेलू आपूर्ति में मदद मिलेगी | अधिकारी ने बताया कि हम राज्य सरकारों को यह प्याज बंदरगाह पर 57-60 रुपए प्रति किलोग्राम की लागत के आधार पर दे रहे है | इससे साफ़ हो रहा है कि बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों पर तो लगाम लगेगी लेकिन उपभोक्ताओं को उचित दाम पर प्याज मुहैया नहीं हो पायेगा | आमतौर पर देश में प्याज की कीमत हमेशा 20 से 25 रूपये प्रति किलों तक स्थिर रही है | ऐसे में 57-60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर वाली प्याज उपभोक्ताओं के गले नहीं उतरने वाली |