मध्यप्रदेश में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर एक बार फिर लोगों की निगाहें विधानसभा पर टिकी , शक्ति परीक्षण कितना शक्तिशाली , कमलनाथ की बिदाई या क़ानूनी लड़ाई के शिकंजे में बीजेपी , आज होगा फैसला 

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भोपाल / मंगलवार को मध्यप्रदेश की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा , इसका फैसला विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर सामने आएगा | राज्यपाल लालजी टंडन ने साफ़ कर दिया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अगर फ्लोर टेस्ट पास नहीं किया , तो माना जायेगा कि उनकी सरकार अल्पमत में है | राज्यपाल ने बाकायदा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बाबद ताकीद कर दिया है | माना जा रहा है कि संवैधानिक कार्रवाई को पुख्ता तौर पर अंजाम देने के लिए राज्यपाल ने राज्य की कांग्रेस सरकार को दूसरी बार अपना बहुमत साबित करने का मौका दिया है | 

उधर मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दिनरात अपनी सरकार को बचाने के लिए कभी क़ानूनी तो कभी राजनैतिक दांवपेच खेलते नजर आये | मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजनैतिक बयान दिया कि जब भी विधानसभा अध्यक्ष उनसे बहुमत साबित करने के लिए कहेगे , वे फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है | उन्होंने राज्यपाल के बजाये विधानसभा अध्यक्ष को तरजीह देते हुए यह भी कहा कि पहले बेंगलुरु में बंधक बनाये गए उनके विधायकों की रिहाई की जानी चाहिए | दिग्वजिय सिह ने अपने पत्ते अभी भी नहीं खोले है | उन्होंने पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल लालजी टंडन से उनकी पुरानी मित्रता है , इसलिए वे सोमवार को उनसे मिले थे | उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया | 

इधर भोपाल में राजनैतिक उठापटक के बीच प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है | 92 कांग्रेसी विधायकों ने एक निजी होटल पर डेरा डाला हुआ है | उधर बीजेपी के विधायक एक बार फिर भोपाल से मानेसर लौटने का प्रोग्राम बना रहे थे । लेकिन आखिरी वक्त में बीजेपी को यू-टर्न लेना पड़ा । पार्टी ने अपने विधायकों को दिल्ली भेजने का प्रोग्राम रद्द कर दिया । विधायक एयरपोर्ट के अंदर पहुंच गए थे, लेकिन अंतिम समय में उन्हें वापस बुलाया गया । अब यह विधायक भोपाल में ही हैं, लेकिन क्या 17 मार्च (मंगलवार) को बहुमत पर कोई नया घटनाक्रम सामने आएगा, इस पर सबकी नजर है । विधानसभा के अलावा लोगों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर भी टिकी हुई है |  उम्मीद की जा रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज ही सुनवाई हो |