अंतर्राज्यीय सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान को गति देने के.विजय कुमार के साथ सुरक्षा अधिकारियों की बैठक,हैदराबाद वेंकटापुरम,नागपुर एवं गढ़चिरोली में आयोजित की गई, इधर पश्चिम बस्तर डिवीजन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा, दिग्भ्रमित एवं गुमराह करने के प्रचार-प्रसार के जाल में नहीं फंसेगी बस्तर की जनता

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रिपोर्टर-रफीक खांन

जगदलपुर – वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार की अध्यक्षता में रविवार व सोमवार को नक्सल विरोध अभियान को गति देने अंतर्राज्यीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक संपन्न हूई । छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की अंतर्राज्यीय सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान को गति देने छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की अंतर्राज्यीय सामान्य बैठक हैदराबाद, वेंकटापुरम, नागपुर एवं गढ़चिरोली में आयोजित की गई ।

इस बैठक में महानिदेशक सीआरपीएफ ए.पी. माहेश्वरी, पुलिस महानिदेशक तेलंगाना महेंद्र रेड्डी, विशेष महानिदेशक, नक्सल अभियान, छत्तीसगढ़ अशोक जुनेजा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, नक्सल अभियान महाराष्ट्र वेंकटेश, पुलिस महानिरीक्षक, सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ सेक्टर डी. प्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक तेलंगाना नागी रेड्डी, पुलिस अधीक्षक गढ़चिरोली अंकित गोयल शामिल रहे।

बैठक में माओवादियों के विरुद्ध प्रभावी रूप से अभियान संचालन हेतु समस्त बिंदुओं पर की गई चर्चा । वहीं इस बैठक में कई अहम निर्णय लेने जानकारी है ।

इधर माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिविजन के जारी प्रेस विज्ञप्ति पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने प्रतिक्रिया दी है | आईजी ने माओवादियों की निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की माओवादियों द्वारा की गई हत्याओं का चौतरफा विरोध को देखते हुये । पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के डरपोक सचिव पापाराव अपना उर्फ नाम- मोहन के नाम से जारी किया गया बेबुनियाद एवं झूठा प्रेस विज्ञप्ति कहा है ।

राज्य गठन के बाद 1769 निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या करने वाले माओवादी संगठन को आदिवासियों के ऊपर अत्याचार का बात करने का कोई नैतिक अधिकार नही । जनविरोधी हरकतों के कारण से आपसी मतभेद एवं एक-दुसरे की हत्या करने वाले माओवादी संगठन के खात्मा की झलक नजर आ रही है । माओवादियों के इस मनगढंत एवं निराधार प्रेस विज्ञप्ति में । बस्तर क्षेत्र के मूल वासियों के जानमाल की रक्षा करना सुरक्षा बल एवं पुलिस की प्राथमिकता है। इस जिम्मेदारी को निभाते हुये माओवादी हिंसा से बस्तर के आदिवासियों की रक्षा करने के लिए बस्तर पुलिस संकल्पित है ।