छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार में 10 जून को सतनामी समाज का आंदोलन उग्र हो गया. आंदोलनकारियों ने शहर में जमकर आगजनी की. उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर और एसपी ऑफिस में तोड़फोड़ और आगजनी की. इस दौरान उन्होंने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हिंसक भीड़ ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस पर पथराव किया. इसकी वजह से कई अधिकारी घायल हो गए. उनके इस हिंसक आंदोलन की वजह से पूरे शहर में कई घंटों तक अफरा-तफरी मची रही. घटना के बाद जिला प्रशासन ने बलौदा बाजार शहर में धारा 144 लागू कर दी. यह धारा 16 जून तक जारी रहेगी. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हिंसा के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
असामाजिक तत्व हो सकते हैं शामिल- डिप्टी सीएम शर्मा
इस हिंसा को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की. 10-11 जून की देर उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने रात करीब 1 बजे राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के साथ मौके का मुआयना किया. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले पवित्र अमर गुफा में तीन जैतखंभ को छति पहुंची थी. इस मामले को लेकर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी. सतनामी समाज ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की थी, जिसे सरकार ने पूरा किया था. उस दौरान सतनामी समाज ने किसी तरह के आंदोलन की बात नहीं की थी. इस हिंसा में असामाजिक तत्व शामिल हो सकते हैं. उनके अलावा रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा बिलासपुर, आईजी संजीव शुक्ला सहित कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे.
सतनामी समाज के गुरु ने क्या कहा
बीजेपी विधायक और सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि इलाके में जो आगजनी की घटना हुई है वैसी वारदात सतनामी समाज के लोग नहीं कर सकते. निश्चित तौर पर असामाजिक तत्वों का इसमें हाथ होगा. गुरु खुशवंत साहेब ने सतनामी समाज के लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा जताया है.