मेरठ / कहते है कि इंसानों से ज्यादा कुत्ता वफादार साबित होता है | हालाँकि इस जुमले को लेकर अलग – अलग लोगों का अनुभव भिन्न हो सकता है | लेकिन इस बात में दोराय नहीं कि इंसानों के साथ जानवरों का लगाव सदियों से रहा है। खासतौर पर इंसान और कुत्ते की कई कहानियां हम अरसे से सुनते आ रहे हैं। बहुत से लोग कुत्ते पालते है | उसकी देखभाल परिवार के सदस्य की तरह भी करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है, जो स्ट्रीट डॉग पर अपना स्नेह और प्यार व्यक्त करते है | ऐसा ही एक शख्स को स्ट्रीट डॉग से इतना प्यार हुआ कि वो उसे अपने परिवार का सदस्य मान बैठा | उसकी मौत पर वह इतना रोया कि जैसे कोई परिजन हो | उसके अंतिम संस्कार के लिए इस शख्स ने विधिविधान के साथ उसकी शवयात्रा निकाली |

उसने इस स्ट्रीट डॉग के सम्मान के साथ तेरहवीं अनुष्ठान भी किया | स्ट्रीट डॉग के साथ प्यार के किस्से कम ही सुनने को मिलते है।बताया जाता है कि देसी ब्रीड की यह कुतिया करीब 6 साल पहले इस शख्स को एक सीवर में मिली थी | उसने इसे बचाया और उसे अपने घर ले आया | इस डॉग को पुष्पा नाम दिया गया था। मेरठ के बाडम इलाके में घर के सदस्यों ने हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार, उसकी अंत्येष्टि की | कुत्ते की तेरहवीं के लिए उसने बकायदा कार्ड भी छपवाया, जिसमें मृतक की जगह ‘पुष्पा’ (कुतिया) लिखा गया। पुष्पा की आत्मा की शांति के लिए ‘प्रेयर मीट’ भी हुई, जिसमें लोगों ने उसके लिए प्रार्थना की। ‘पुष्पा’ की मौत के बाद शख्स ने अपने घर में उसकी फोटो फ्रेम करा कर भी लगाई है।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ में इस घटना की चर्चा लोगों की जुबान पर है | इस शख्स ने कुतिया की मौत पर उसकी शवयात्रा बैंड बाजे के साथ निकाली | इसे देखकर लोग हैरत में पड़ गए | मामला यही नहीं थमा | इस शख्स ने उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं का भोज किया | इस भोज में कई लोग शामिल हुए। मेरठ की यह घटना इंसान और जानवर के बीच अटूट प्रेम को दर्शाती है | आमतौर पर ऐसे किस्से कहानियां पुरानी कहावतों, पुस्तकों और ऐतिहासिक कहानियों में सुनते रहते हैं।
