भुवनेश्वर / उड़ीसा समेत देश के कई महानगरों में होटल और अन्य कारोबार में दिन दुगनी और रात चौगुनी प्रगति करने वाले पूर्व कोयला मंत्री दिलीप रे मुश्किल में है | दरअसल कोयला घोटाले को लेकर सीबीआई ने दिल्ली की विशेष अदालत से अनुरोध किया कि झारखंड में 1999 में कोयला खदान आवंटन में अनियमित्ताओं के लिए दोषी ठहराए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को उम्र कैद की सजा दी जाए। उधर सुप्रीम कोर्ट में विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने सीबीआई और दोषियों की ओर से सजा के बारे में बहस सुनने के बाद कहा कि इस पर 26 अक्टूबर को आदेश सुनाया जाएगा।
सीबीआई ने विशेष अदालत से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे के साथ ही कोयला मंत्रालय में उस समय वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्य नंद गौतम तथा कैस्ट्रॉन टेक्नॉलॉजी लि. के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल को भी उम्र कैद की सजा देने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, अभियोजन ने इस मामले मे दोषी ठहराई गई सीएलटी और कैस्ट्रॉन टेक्नॉलॉजी लि. पर अधिकतम जुर्माना लगाने का भी अनुरोध किया है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई बहस में जांच ब्यूरो की ओर से लोक अभियोजक वीके शर्मा और एपी सिंह ने अदालत से कहा कि इस समय सफेदपोश अपराध बढ़ रहा है और ऐसी स्थिति में समाज में संदेश देने के लिए दोषियों को अधिकतम सजा देने की जरूरत है।
कोयला खदान आवंटन के अपराध के लिए दोषसिद्धि का यह पहला मामला है जिसमें अधिकतम सजा उम्र कैद है। दिलीप रे को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (लोकसेवक द्वारा विश्वाघात) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। दोषी व्यक्तियों ने अदालत से उनकी वृद्धावस्था और पहले कभी किसी मामले में दोषी नहीं ठहराए जाने जैसे तथ्य को ध्यान में रखते हुए नरमी बरतने का अनुरोध किया।अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर 26 अक्टूबर को आदेश सुनाया जाएगा। अदालत ने सभी दोषियों को उस दिन हाजिर रहने का निर्देश दिया है। दिलीप रे उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी बताये जाते है | छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में उनकी होटलों की चेन भी बताई जाती है |