व्यापारीयों, लघु उद्योग और दुकानदारों हितों के वित्तीय सहायता के लिए राज्य सरकारों को अब बिल लाने का वक़्त, कोरोना काल में राज्यों की अर्थव्यवस्था कैसे हो रही है प्रभावित,? कारोबारियों को सरकारी संरक्षण की जरूरतों पर बता रहे है वरिष्ठ पत्रकार अतुल सचदेवा

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रायपुर / अब वक़्त आ गया है जब कारोबारियों को सरकारी संरक्षण की सख्त जरुरत पड़ रही है | देश की सभी राज्यों की विधानसभा में एक बिल पास होना चाहिए जिसमें कोरोनावायरस के कारण व्यापार प्रभावित होने वाले कारोबारियों को सरकारी – आर्थिक संरक्षण प्राप्त हो सके | दरअसल करीब छह माह से उद्योग – धंधे ठप्प है | सभी राज्यों के दुकानदारों, व्यापारी वर्ग लघु उद्योग ,होलसेल बिजनेस, ट्रेडर्स, मैन्युफैक्चरर्स और लघु उद्योग की फैक्ट्रीज भी कार्य नहीं कर पाए हैं पिछले 4 महीनों से साथ में फैक्ट्री और उघोग भी बंद है करोना महामारी को देखते हुए सभी राज्यों को एक विधेयक बनाने की आवश्यकता होगी जिसमें व्यापारी वर्ग दुकानदारों और लघु उद्योग के कारखानों के लोगों के लिए से फायदा हो।

इस बिल में एक तो यह होगा कि व्यापारी जैसे कोई व्यापारी दिल्ली से अपना माल लुधियाना पंजाब में भेजता है तो वहां पर वह अगर किसी सरकार के संस्थान या सरकारी डिपार्टमेंट या किसी ट्रस्ट हो या एनजीओ को अन्य दुकानदारों को वह माल Payment  उसकी करोना के कारण, वहां के लोग कहते हैं कि हमारा काम धंधा बंद है  इस लिए हम पेमेंट नहीं करते तो इसकी भरपाई कौन करेगा, वहां का व्यापारी या दुकानदार या एनजीओ या सरकार का कोई ट्रस्ट कुछ कॉलेज और कुछ अन्य संस्थाएं जो एनजीओ में आती हैं या अन्य प्रकार के कंपनी है  Payment भी देना भी नहीं चाहता है ।

इसके लिए राज्य सरकारों को अपने राज्य के दुकानदार लघु उद्योगों और व्यापारियों और अन्य संस्थाओं के लोगों की मदद के लिए कानूनी मदद करनी चाहिए , साथ ही जो दूसरे राज्य के लोग हैं जो अपने राज्य के लोगों की payment रूपयों देने की आनाकानी कर रहे हैं | काफी संख्या में लोग payment रूपया देना नहीं चाहते । राज्य  सरकार उन्हें अपने राज्य में दूसरे राज्य के दुकानदारों व्यापारियों और समान  मागवाने  वाले व्यापारियों और संस्थानों कॉलेज मेडिकल कॉलेज वह अन्य संस्थानों को ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए । इसलिए राज्य सरकारों को कुछ ऐसा कड़ा कदम उठाकर एक विधायक अपनी सभी विधानसभाओं से पास कराना चाहिए।

जिसमें व्यापारी को राज्य सरकारों उसको अपनी तरफ से वकील और कानूनी सलाह दें क्योंकि अगर देखा जाए जो दुकानदार , स्माल स्केल इंडस्ट्री वाला , मैन्युफैक्चर है छोटी फैक्ट्री वाला है | वह लाखों करोड़ों रुपए का अपना जीएसटी सरकारो को देता है जिसका कुछ भाग राज्यों सरकारों और केंद्र सरकार के पास जाता है इसलिए Covid 19  महामारी को देखते हुए लोगों और एक दूसरे को पेमेंट देने से मना कर रहे हैं कुछ लोग उसको देखते हुए राज्य की सरकारों  को अपने क्षेत्र के जो उसके व्यापारियों और दुकानदारों उनके हितों की सुरक्षा वित्त को देखते हुए अपनी तरफ से कानूनी सहायता और साथ में उनको वित्त मदद करें ।

इस तरह के जो काम करने से व्यापारी वर्ग दुकानदारों को को और कारखाने वालों को मैन्युफैक्चर हो और ट्रेडर्स और होलसेलर को राज्य सरकारों द्वारा विधानसभा में लाया जाए चाहिए है सभी राज्यों के व्यापारियों को और दुकानदारों, होलसेल ट्रेडर और मैन्युफैक्चर , लघु उद्योगों के लोगों को इस बिल का फायदा हो सकता है दुकानदारो लोग लघु उद्योग से जुड़े हुए लाखों करोड़ों व्यापारियों को इस बिल का वित्तीय फायदा होगा कानूनी रूप से भी उनको मदद मिलेगी  सभी को इस बिल से फायदा मिलना चाहिए। जिससे राज्य  सरकारों दुकानदारो,लघु उद्योग, होलसेल ट्रेडर और मैन्युफैक्चरिंग को उनके कानूनी हितों की रक्षा कर सकेंगा जो वह अपनी पेमेंट भी दूसरे राज्य के व्यापारियों से ले सकेंगे ।