दिल्ली वेब डेस्क / दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल को अंतिम रूप दिया जा रहा है | माना जा रहा है कि दिसंबर और जनवरी माह में कई कंपनियां वैक्सीन को बाजार में उतारेगी | इसी के साथ ही अब इनकी कीमतों पर भी बहस शुरू हो गई है | अब वैक्सीन की कीमतों को लेकर घमासान मच गया है | देश -विदेश की कई कंपनिया ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में नजर आ रही है | तो कई कंपनियों ने रियायती दरों और मामूली लाभ पर जोर दिया है | यही नहीं कई कंपनियों ने नो प्रॉफिट नो लॉस का मंत्र देकर जनसेवा करने की मंशा जाहिर की है |
कुछ कंपनियों ने सिर्फ सरकार को ही वैक्सीन की सप्लाई देने का वादा किया है | उनके मुताबिक इस महामारी के दौर में वे व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा से बाहर रहेंगे | इस बीच ग्लोबल कोरोना वायरस वैक्सीन फंडिंग स्कीम के कोऑर्डिनेटर्स ने इसकी संभावित कीमत की तरफ इशारा किया है | उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन की अधिकतम कीमत विश्व बाजार में 40 डॉलर अर्थात भारतीय मुद्रा में 2991 रूपए हो सकती है |
हालाँकि गवी वैक्सीन एलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेठ बर्कली की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन की कोई कीमत अभी तय नहीं की गई है लेकिन वे ये सुनिश्चित करेंगे कि अमीर और गरीब देशों में वैक्सीन की कीमत अलग-अलग हो | दरअसल गवी एक वैक्सीन संगठन है जो कोवैक्स फैसिलिटी का नेतृत्व करता है | कोवैक्स फैसिलिटी दुनिया में COVID 19 वैक्सीन को सबसे जल्दी और निष्पक्ष तरीके से पहुंचाने के लिए बनाई गई एक कमेटी है |
इसका मकसद 2021 के अंत तक वैक्सीन की 200 करोड़ डोज अपने सदस्य देशों तक पहुंचाना है | दुनिया के ज्यादातर देश इसके सदस्य है | बर्कली का कहना है कि आमतौर पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां वैक्सीन की अलग-अलग कीमत रखना चाहती हैं | जैसे कि गरीब देशों के लिए एक कीमत, मध्यम आय वाले देशों के लिए थोड़ी अधिक कीमत और अमीर देश वालों को सबसे ज्यादा कीमत रखी जाए |
सेठ बर्कली ने यूरोपीय संघ की उन टिप्पणियों को भी बेबुनियाद बताया, जिसमें कहा गया था कि कोवैक्स फैसिलिटी अमीर देशों को 40 डॉलर में वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बना रही है | बर्कली ने कहा कि ‘कोवैक्स अधिकारियों ने वैक्सीन की कई कीमतें रखीं हैं और अमीर देशों के लिए वैक्सीन की एक निर्धारित कीमत की बजाय अधिकतम कीमत रखी गई है, जो 40 डॉलर तक हो सकती है |
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उन्होंने कहा कि कोरोना के कई वैक्सीन अभी अपने टेस्टिंग के अंतिम चरण में हैं इसलिए अभी इसकी कीमत तय करना जल्दबाजी होगी | उन्होंने कहा कि ‘सच्चाई ये है कि किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है कि वैक्सीन की अधिकतम कीमत क्या होने वाली है? उन्होंने यह कह कर हैरत में डाल दिया कि, हमें पता नहीं है कि कोरोना वायरस की कौन सी वैक्सीन अपना असर दिखाएगी |’ जाहिर है, बर्कली के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे है | उनके मुताबिक वे गरीब देशों तक वैक्सीन की पहुंच बनाने के लिए बर्कली गवी एलायंस के जरिए वैक्सीन निर्माताओं के साथ कीमत तय करने का प्रयास कर रहे हैं | बर्कली का कहना है कि उनकी कोशिश लोगों तक कम कीमत पर ज्यादा वैक्सीन पहुंचाने की होगी |