दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना संक्रमण के भय के चलते अब लूटपाट और धोखाधड़ी भी शुरू हो गई है | निजी अस्पतालों में संक्रमितों के भारी भरकम बिलों के मामले सामने आने के बाद अब प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर भी लूटपाट सामने आई है | गिरोहबाजों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल को भी नहीं छोड़ा | ऐसे में आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की गुंजाइश से इंकार नहीं किया जा सकता |
जानकारी के मुताबिक इन दिनों कही ब्लड डोनेशन के नाम पर तो कही प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है | दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से प्लाज्मा डोनेट करने के एवज में रुपये मांगे गए थे | इस बाबत स्पीकर राम निवास गोयल ने दिल्ली पुलिस के पास मामला दर्ज कराया है, जिसके आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है | उसके सहयोगियों की जाँच की जा रही है |
विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक प्लाज्मा डोनेशन के नाम पर उनसे पेटीएम के माध्यम से रुपये मंगवाए गए थे | अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि आरोपी ने खुद को राम मनोहर लोहिया अस्पताल का डॉक्टर बताया था | दिल्ली पुलिस मामले की जाँच में जुटी है | उसने प्राथमिक पड़ताल के बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है | आरोपी का असली नाम अब्दुल करीम उर्फ राहुल ठाकुर है |
बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद से दिल्ली समेत कई राज्यों में मेडिकल व्यवसाय की जानकारी रखने वाले कई अपराधी सक्रिय हो गए है | दिल्ली पुलिस ने जाँच में पाया कि प्लाज्मा – ब्लड डोनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला आरोपी अपना नाम और धर्म बदलता रहता था | पुलिस की माने तो आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर इलाके का है | उसकी गिरफ्तारी के बाद इस गरोह के बाकी सदस्यों की भी तलाश शुरू कर दी गई है |
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी अब्दुल करीम ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है | उसने कबूल किया है कि वो कोरोना संक्रमण के चलते कई लोगों के साथ फर्जीवाड़ा कर चूका है | उसने यह भी कबूल किया है कि वह डोनर बनकर उन लोगों को धोखा देता था, जिन्हें ब्लड की तत्काल आवश्यकता होती थी | इसी कड़ी में उसने स्पीकर राम निवास गोयल के अलावा कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की |
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दरअसल दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है | इस तकनीकी में कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए मरीजों के खून से प्लाज्मा लिया जाता है | फिर डॉक्टर उसे संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए उसका इस्तेमाल करते है | फ़िलहाल दिल्ली पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है |