रायगढ़ : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भगवान हनुमान को नोटिस जारी कर वाटर टैक्स माँगा गया है| दरअसल,नगर निगम की ओर से उपलब्ध होने वाले पानी से रोज सुबह पंडित जी बजरंगबली को स्नान कराकर पूजा-पाठ करते है|पंडित जी को अचानक एक नोटिस थमा दिया गया है|यह नोटिस श्रीमान / श्रीमती बजरंगबली को जारी कर उनसे 400 रुपये के जल कर की राशि मांगी गई है|
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नोटिस मिलने के बाद पंडित जी हैरान परेशान है|वो कभी नगर निगम के अफसरों को हैरत भरी निगाहो से देख रहे है तो कभी बजरंगबली की ओर देखकर उनकी श्रीमती के बारे में भक्तो से पूछताछ कर रहे है |
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इस नोटिस में अमृत मिशन का हवाला देते हुए फरवरी और मार्च माह का वाटर टैक्स 400 का भुगतान 15 दिनों के भीतर करने को कहा गया है|नोटिस को मंदिर परिसर में चस्पा किया गया था |राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है|
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इसके मद्देनजर हिन्दू देवी-देवताओ को अपमानित करने की सरकारी कवायत चर्चा में है|कई लोग इसे राजनैतिक तुष्टिकरण के रूप में भी देख रहे है |उनकी दलील है कि कांग्रेस पहले भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर भगवान राम और रामसेतु को काल्पनिक करार दे चुकी है|
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उधर इस मामले में सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है|सूत्रों के मुताबिक बवाल मचने के बाद नगर निगम प्रशासन ने बजरंगबली को जारी नोटिस की वापसी प्रक्रिया शुरू कर दी है|लेकिन बजरंगबली के भक्तो को यह नोटिस मुँह चिढ़ा रहा है|
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यह पहला मौका नहीं है, जब राज्य में कांग्रेस सरकार के बैनर तले हिन्दुओ की भावनाओ को आहत किया गया है|इसके पूर्व भी इसी जिले में भोलेनाथ को बेदखली का नोटिस मिल चुका है|इससे सटे एक अन्य जिले चांपा -जांजगीर में सिंचाई विभाग ने भगवान शिव पर अतिक्रमण का आरोप मढ़कर नोटिस जारी किया था|
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इसके पहले इसी रायगढ़ के एक तहसीलदार ने भगवान शिव को नोटिस जारी कर अपने कार्यालय में उपस्थित होने का फरमान सुनाया था|तहसीलदार साहब के हुक्म की तामीली के लिए स्थानीय लोग शिवलिंग को उखाड़कर तहसील कार्यालय लेकर गए थे। इस दौरान भी प्रशासन ने छत्तीसगढ़ शासन की खूब फजीहत भी कराइ थी|हालाँकि जैसे-तैसे वरिष्ठ अफसरों ने मामले को सुलझाया था |लेकिन एक बार इसकी फिर पुनरावृत्ति हुई है |
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जानकारी के मुताबिक इसके पूर्व इसी साल मार्च महीने में रायगढ़ के तहसीलदार कोर्ट से भगवान भोलेनाथ समेत 10 लोगो को तलब किया गया था | उन्हें गैरहाजिर रहने पर 10 हजार जुर्माने के साथ जमीन के कब्जे से बेदखल करने की चेतावनी भी दी गई थी | यह मामला अभी भी लोगो के जहन में है |वो भूले नहीं है ,बावजूद इसके हिन्दू देवी-देवताओ को अपमानित करने का सिलसिला बेरोक-टोक जारी है |
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यही नहीं पिछले वर्ष नवम्बर 2021 में जांजगीर -चांपा जिले में सिंचाई विभाग ने नहर की जमीन पर अपना अधिकार जताते हुए भगवान भोलेनाथ को उनके मंदिर के पते पर एक नोटिस जारी किया था | इसमें भगवान को हफ्ते भर के भीतर मंदिर खाली करने की चेतावनी दी गई थी|
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जबकि मंदिर परिसर में सत्ताधारी कांग्रेस के कुछ नेताओं और अफसरों की दुकाने और आवास बने हुए है | इन्हे नजर अंदाज कर सिर्फ भगवान के लिए नोटिस जारी किए गए थे | सरकारी महकमे द्वारा बार-बार उठाए जा रहे ऐसे कदम वैधानिक दायरे में है या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक इस ओर लोगो की निगाहें लगी हुई है |