अब सोने की चिड़िया नहीं बल्कि सोने के सांप, अधिकारी हैरत में, सोनभद्र में जहां मिला सोने का भंडार,वहां रहते हैं दुनिया के सबसे जहरीले सांप

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सोनभद्र वेब डेस्क / उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में गुरुवार को मिले सोने के भंडार ने दुनिया भर को चौंका दिया था। लेकिन अब चौकाने वाली खबर यह है कि इस इलाके में दुनिया के सबसे जहरीले नाग सांपो का बसेरा है | भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनभद्र  में सोना करीब 3,000 टन है, जो भारत के पास मौजूदा स्वर्ण भंडार का करीब पांच गुना है। सोने के ये भंडार सोन पहाड़ी और हरदी इलाकों से मिले हैं, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 12 लाख करोड़ बताई जा रही है। अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सोने के भंडार के अलावा यहां दुनिया के सबसे जहरीले सांप भी मौजूद हैं, जो पल भर में इंसान को मौत की नींद सुला सकते हैं| 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोनभद्र की पहाड़ियों में अजगर, काली नागिन, रसेल वाइपर, कोबरा और करैत  और उड़ने वाले सांपो का बसेरा है। सांप की ये तीनों ही प्रजातियां दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से मानी जाती हैं। कहा जाता है कि ये इतने जहरीले होते हैं कि अगर किसी इंसान को काट लें तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता है।  

 बताया जाता है कि रसेल वाइपर उत्तर प्रदेश में सिर्फ सोनभद्र जिले में ही पाया जाता है। यहां के कई गांवों में यह सांप आमतौर पर दिखता रहा है। दरअसल, इसका जहर हीमोटॉक्सिन होता है, जो खून को जमा देता है। अगर यह सांप काटने के दौरान अपना पूरा जहर इंसान के शरीर में डाल दे तो एक घंटे से भी कम समय में उसकी मौत हो सकती है | यहीं नहीं जहर के छींटे शरीर में पड़ जाये तो भी उस जगह पर घाव हो सकता है, जो आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकता है। 

रसेल वाइपर के अलावा कोबरा और करैत भी काफी जहरीले नाग सांप माने जाते हैं। इनका जहर न्यूरोटॉक्सिन होता है, जो इंसान के स्नायु तंत्र को शून्य कर देते हैं, जिससे उसकी मौत हो जाती है। इसमें कोबरा की खासियत ये होती है कि वो जिस जगह पर काटता है, वहां सूजन हो जाती है जबकि करैत जिस जगह पर काटता है, वो तो देखने से पता भी नहीं चलता है, की वहां सर्प दंश हुआ है |  

सरकारी अधिकारीयों ने इलाके का जायजा लेने के बाद सर्प पकड़ने वालो और वन विभाग से संपर्क किया है |अब चूंकि जल्द ही सोनभद्र की पहाड़ियों से सोना निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन इसका दुषप्रभाव इन सांपों के अस्तित्व पर पड़ सकता है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि उनका बसेरा खत्म हो सकता है। कुछ इसी तरह की स्थिति ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भी बनी थी, जब कोयले की खदानों का खनन हो रहा था, लेकिन सांपों के अस्तित्व को देखते हुए खनन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। यहां भी वन्य जीव प्रेमी नाग सांपो के सरंक्षण की मांग कर रहे है |