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अब जाकर कमलनाथ को एहसास हुआ कि दिग्विजय सिंह की रणनीति के चलते मध्यप्रदेश में हाथ से गई सत्ता , MLAs के कहीं न जाने का दिग्विजय ने झूठा विश्वास भरा, इसलिए सरकार नहीं बचा सका: कमलनाथ 

भोपाल वेब डेस्क / “अब पछताय क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत”  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों ऐसे ही दौर से गुजर रहे है | काफी देर बाद उन्हें समझ में आया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उन्हें गच्चा दे गए है | गच्चा भी ऐसा कि अच्छी खासी पांच साल तक चलने वाली उनकी सरकार मात्र डेढ़ साल में गिर गई | बीजेपी ने शानदार रणनीति के साथ दिग्विजय सिंह के अरमानों को पूरा करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी | ये हम नहीं बल्कि कमलनाथ का वो वक्तव्य बता रहा है , जो उन्होंने अब जाहिर किया | कमलनाथ ने कहा कि वो राज्य में अपनी सरकार इसलिए नहीं बचा सके, क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उनमें झूठा विश्वास दिलाया था कि पार्टी के कुछ निश्चित विधायक साथ छोड़कर और कहीं नहीं जाएंगे | लेकिन आखिरी समय पर विधायकों ने अपने इरादे साफ़ कर दिए | 

कमलनाथ ने शुक्रवार को यह भी स्वीकार किया कि बीजेपी-सिंधिया गठजोड़ की चालों की पूरी जानकारी होने के बावजूद वो अपनी सरकार नहीं बचा सके क्योंकि वो दिग्विजय सिंह के झूठे विश्वास में थे | कमलनाथ ने भोपाल में अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह पर जहां तल्खी जाहिर की वही उनका बचाव भी करते नजर आये | उन्होंने कहा, “यह जानबूझकर नहीं किया गया था, लेकिन शायद स्थिति की ठीक समझ नहीं होने की वजह से हुआ | दिग्विजय सिंह ने महसूस किया कि कुछ विधायक जो दिन में तीन बार उनसे बात कर रहे थे, वो कभी पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे लेकिन उन्होंने वैसा ही किया | ”

 कमलनाथ ने कहा, “जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का सवाल है, मुझे पता था कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह जुलाई से बीजेपी के संपर्क में हैं | वह इस तथ्य को कभी पचा नहीं पाए कि वह एक लाख से अधिक वोटों से लोकसभा चुनाव हार गए और वो भी उस उम्मीदवार से जो कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता था और जिसे बीजेपी ने अपने पाले में लेकर उनके खिलाफ चुनाव में उतारा था | उन्होंने कहा कि सिंधिया अपनी हार के बाद बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन बीजेपी की राज्य इकाई ने उन्हें कभी पार्टी में शामिल करने में रूचि नहीं नहीं दिखाई | उन्होंने कहा कि लेकिन बीजेपी अंततः उन्हें अपने पाले में ले लिया | दरअसल बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश से दूसरी राज्यसभा सीट चाहता था |”

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लॉकडाउन के दौर में कमलनाथ राजनीति के उस तनाव से उबरने की कोशिश में है , जो उन्हें बीजेपी-सिंधिया गठजोड़ की ओर से लगा है | उन्हें उम्मीद है कि मध्य प्रदेश उपचुनावों में कांग्रेस की जरूर वापसी होगी | उन्होंने जीत की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए  कहा, “यह आंकड़ों का खेल है | अभी हमारे पास 92 विधायक और उनके पास 107 हैं | 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, इसलिए हमें उनमें से कम से कम 15 सीटें बीजेपी के बराबर आने के लिए जीतनी होंगी |  फिर बाकी 7 विधायक पिक्चर में आते हैं, जिनमें 4 निर्दलीय, दो BSP और एक SP से हैं. और अभी स्थितियां ऐसी हैं कि हम 15 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. सिंधिया और शिवराज प्रचार करने में समर्थ नहीं हो पाएंगे |”

कमलनाथ ने लॉकडाउन का जिक्र करते हुए बीजेपी और केंद्र पर हमला किया | उन्होने कहा कि “लॉकडाउन का एक सीधा असर है आर्थिक गतिविधियों में कमी |  इसका देशभर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर तबाही वाला असर पड़ रहा है | उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी सब्जी की उपज नष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि उसके लिए कोई बाजार नहीं है | न ही उन्हें सरकार से कोई मदद मिल रही है |”

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