अब बंगाल में बवाल, ममता के हाथों से सत्ता जाती देखकर टीएमसी में भगदड़, कई विधायक बीजेपी प्रवेश की तैयारी में, नाराज दीदी ने ओवैसी पर भाजपा से पैसे लेने का लगाया आरोप, हैदराबाद की एआईएमआईएम के बंगाल प्रवेश से ममता की बढ़ी मुसीबत

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कोलकाता / पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी में भगदड़ की स्थिति बनने लगी है। उसके विधायकों समेत कई नेता बीजेपी प्रवेश की तैयारी में है। इस बीच हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने भी पश्चिम बंगाल में धावा बोल दिया है। इससे ममता बनर्जी की मुसीबत दुगनी हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को टक्कर देने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार राज्य में रैलियां कर रहे हैं। वहीं, ओवैसी के दस्तक देने से टीएमसी से मुस्लिम वोटरों के खिसकने का खतरा पैदा हो गया है। इसके मद्देनजर ममता ने ओवैसी पर हमला बोला है। दूसरी ओर चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही हैं। शुभेंदु अधिकारी के बाद अब टीएमसी के एक और विधायक ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। आसनसोल से विधायक और शहर के मेयर रह चुके जितेंद्र तिवारी ने राज्य की सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

जितेंद्र तिवारी ने शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया था कि राजनैतिक कारणों के चलते राज्य सरकार आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिले 2,000 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि यह फंड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जारी किया गया था। तिवारी के इन आरोपों के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि तिवारी आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं।

उधर बीजेपी के बाद ओवैसी से परेशान मुख्यमंत्री ममता ने एक चुनावी रैली में बीजेपी और ओवैसी पर निशाना साधा है। ममता ने कहा कि भाजपा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बंगाल में लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है और हिंदू-मुस्लिम वोट आपस में बांटना चाहती है। बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम मतों को विभाजित करने के उद्देश्य से हैदराबाद की एक पार्टी को यहां लाने की खातिर भाजपा करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। योजना है कि हिंदू मत भाजपा के पाले में चले जाएंगे और मुस्लिम मत हैदराबाद की इस पार्टी को मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हाल में हुए बिहार चुनाव में भी उन्होंने यही किया था। यह पार्टी भाजपा की बी-टीम है।

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इधर ममता के इस आरोप पर एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आज तक कोई पैदा नहीं हुआ है, जो असदुद्दीन ओवैसी को पैसे से खरीद सके। उन्होंने ममता के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि ममता बेचैन हैं। उन्हें अपने घर और पार्टी की चिंता करनी चाहिए, क्योंकि उनके कई लोग भाजपा में जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। फ़िलहाल पश्चिम बंगाल का सियासी पारा चढ़ने लगा है।